लाॅकडाउन खुलते ही औद्योगिक नगरी लुधियाना में क्राइम ने इतनी रफ्तार पकड़ी कि वो पुलिस के बस से बाहर निकल गया। शायद ही कोई ऐसा दिन रहा हो, जिस दिन लूट, स्नेचिंग और चोरी की वारदात न हुई हो। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ों की बात करें तो पिछले 144 दिनों में 164 वारदातें हुईं। इसमें सबसे ज्यादा निशाने पर महिलाएं रहीं। हालात ये हैं कि स्नेचिंग के डर से अब महिलाएं घर से निकलने से भी डरने लगी हैं। अपराध का रिकॉर्ड तोड़ने में इन दिनों ये थाने टाॅप सिक्स में हैं। इसमें थाना डिवीजन नंबर 8, 6, फोकल पॉइंट, जोधेवाल, जमालपुर और सराभा नगर शामिल हैं।
जबकि बाकी में इस समय क्राइम रेट अभी कम रहा। काफी मामलों में पुलिस ने रिकवरी भी की, लेकिन इसके बावजूद लोग अपना सामान लेने के लिए थानों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। वहीं, पुलिस ने सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में 1369 सीसीटीवी कैमरे लगाए, जबकि स्कीम फेल हो गई। ऐसे में लुधियाना को अनसेफ सिटी कहना गलत नहीं होगा।
किसी पीड़ित के कंधे की हड्डी टूटी तो कोई जख्मी- रोज हो रही झीना-छपटी की वारदातों के चलते पीड़ित लगातार जख्मी और गंभीर रूप से चोटिल हो रहे हैं। ढोलेवाल की रहने वाली सरकारी टीचर जसप्रीत कौर ने बताया कि अगस्त में वो स्कूल से होकर घर जा रही थी कि इस दौरान पीछे से बाइक पर दो झपटमार आए। उन्होंने उनके हाथ से पर्स छीन लिया। पर्स खींचते ही वो रिक्शा से नीचे गिर गईं। लुटेरे पर्स ले गए।
हालांकि वो बाद में पुलिस ने ढूंढ लिया, लेकिन रिक्शा से गिरने से मेरे कंधे की हड्डी टूट गई। मोहाली की रहने वाली डॉ. गुनजोत कौर का पर्स लुटेरों ने घुमारमंडी में छीना, जोकि इस वारदात के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनके सिर और शरीर पर काफी चोटें आईं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
स्नेचिंग के मामले रोज बढ़ रहे हैं। शायद ही कोई दिन खाली जाता हो, पुलिस क्या कर रही है?
-80% स्नेचरों को हम गिरफ्तार कर जेल भेज चुके हैं। इन मामलों में रिकवरी भी हमारी टीम कर रही है।
पहले वारदातें रात में होती थी, मगर लुटेरों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि दिन में पुलिस की मौजूदगी में वारदातें हो रही हैं?
-दिन और रात दोनों समय में पेट्रोलिंग टीमें बढ़ाई गई हैं। शहर का क्राइम काफी हद तक कंट्रोल किया गया है, जो मुजालिम उपनी ड्यूटी में कोताही दिखाता है, उस पर एक्शन भी लिया जाता है।
एक ही अपराधी कई बार पकड़ा जा रहा है, क्या उन्हें पुलिस का खौफ नहीं या कार्रवाई ढीली की जा रही है ?
-ऐसा नहीं है, लॉकडाउन में जिन स्नेचरों को जेल से जल्दी बाहर आए हंै, उन्होंने दोबारा ये काम शुरू किया। इस वजह से वही स्नेचर दोबारा वारदातें कर रहे हैं। इन्हें हम कई बार पकड़ चुके हैं, लेकिन अब इनके लिए नया प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत अब ये जल्दी जेल से बाहर नहीं आएंगे।
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December 23, 2020 at 04:57AM
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