दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से लौटते समय मुल्लांपुर के पास स्थित गांव जांगपुर के 32 साल के युवा किसान हरमिंदर सिंह की हादसे में मौत हो गई। गांववालों ने रोष जताया कि हादसे के बाद हरमिंदर तड़प रहा था। अगर उसे ला रही सरकारी एंबुलेंस रास्ते में खराब न होती तो शायद जान बच जाती। उसका सिर पीछे से फटने से खून निकल रहा था। घटनास्थल पर जुटे लोगों ने एंबुलेंस बुलवा उसे बरनाला
के सरकारी अस्पताल पहुंचवाया, वहां डॉक्टर ने सिर में टांके हालत बिगड़ती देख सीएमसी रेफर किया। एंबुलेंस उसे लेकर फिरोजपुर रोड वेरका प्लांट के पास पहुंची तो खराब हो गई। स्टार्ट न होने पर गांव फोन कार मंगवाई, तब तक हरमिंदर तड़पता रहा। अस्पताल ले जाने पर उसकी मौत हो चुकी थी।
रो-रोकर पत्नी बोली- वे तू तां चला गेआ, घर उजाड़ चलेआ...।
वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हरमिंदर की पत्नी हरदीप कौर की हालत बिगड़ गई और डॉक्टर बुलाना पड़ा। हरदीप रोते हुए एक ही रट लगाए थी कि वे तूं तां चला गेआ। मेरा तां घर उजड़ चलेआ, तेरी यादां ने तां मैनूं खा जाना। वहीं, हरमिंदर के 4 भाई और 1 बहन है। छोटे भाई गुरमेल सिंह के अनुसार किसान आंदोलन शुरू होने के बाद हरमिंदर ज्यादातर बॉर्डर पर रहता था। बीच में सामान लेने गांव आता और फिर लौट जाता था। अगले दिन बहन अमनदीप का जन्मदिन होने के कारण वह लौट रहा था।
दोस्त बोला : मैंने आवाज लगाई बचो सांड आ गया: हादसे के वक्त आगे अलग से बाइक पर चल रहे हरमिंदर के दोस्त हरजीत ने उसे चिल्लाकर कहा भी कहा था कि बचो, सांड आ गया, लेकिन संभलने का मौका ही नहीं मिला। हरजीत ने किसी तरह बचाव कर हरमिंदर को उसकी बाइक के नीचे से निकाला। जबकि हरमिंदर के पीछे बाइक पर बैठा दोस्त गुरजीत छिटककर दूर गिरने के कारण कम जख्मी हुआ। मृतक के परिजनों ने बताया कि कई बार हरमिंदर ट्रैक्टर-ट्रॉली या ट्रक से सामान पहुंचा उसी पर लौट आता था। इस बार 20 युवक कई बाइक लेकर बॉर्डर पर गए थे। इस कारण ट्रक के आगे बैठने की जगह नहीं थी।
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December 23, 2020 at 05:01AM
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