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Thursday, May 28, 2020

दो साल पहले तेलंगाना से लापता दिव्यांग को कांस्टेबल के वीडियो ने परिवार से मिलवाया

दो साल पहले तेलंगाना के गायब हुए बुजुर्ग को लुधियाना पुलिस के कांस्टेबल की ओर से बनाए वीडियो ने उसके परिवार तक पहुंचा दिया। सड़क पर भीख मांग रहे वेंकटेश वरलू (61) को लेने पुलिस और उसका बेटा पहुंचा। वहीं, कांस्टेबल अजैब सिंह उर्फ गोल्डी (26) को सीपी राकेश अग्रवाल ने डीजीपी प्रशंसा-पत्र से सम्मानित किया।

हुआ यूं कि लॉकडाउन में ड्यूटी में अजैब सिंह गरीबों में लंगर बांट रहे थे। इस दौरान उन्होंने टिक-टाॅक पर लंगर बांटते हुए वीडियो बना अपलोड कर दिया। इसे एक माह में 1.8 मिलियन लोगों ने देखा। इस वीडियो में वो बुजुर्ग वेंकटेश को भी लंगर दे रहे थे, जोकि न तो सुन सकता था और न ही बोल सकता था।

चार दिन पहले अजैब सिंह को तेलंगाना के डिस्ट्रिक बहादराधरी कोठागुडम से वहां की पुलिस का फोन आया। उन्होंने कहा कि उनके पास एक टिक-टाॅक वीडियो है, जिसे उन्होंने बनाया है।

उस वीडियो में जो शख्स है, वो तेलंगाना से लापता है। लिहाजा उसकी देखभाल करें, उसका परिवार उसे लेने आ रहा है। इसके बाद बीते वेंकटेश का बेटा धीरराजू आया और उसे उसके बेटे को सौंप दिया गया।

बेटे ने सोचा- पिता की हो चुकी मौत, छोड़ चुके थे उम्मीद

वेंकटेश के बेटे धीरराजू ने बताया कि वो तेलंगाना में लेबर का काम करता है और उसके पिता भी वहां लेबर का काम करते थे। 26 अप्रैल 2018 को वो काम पर गए, लेकिन वो वापिस नहीं लौटे।

जिसके बाद उन्होंने 27 अप्रैल को वहां के थाने में शिकायत दी थी। लेकिन दो साल तक उनका कुछ पता नहीं चला, लिहाजा उन्होंने अब उम्मीद छोड़ दी थी कि उसके पिता उसे मिलेंगे। लेकिन पुलिस मुलाजिमों के वीडियो ने उसे उसके पिता से मिला दिया।



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Two years ago, a video of the constable introduced the missing person from Telangana to the family.

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May 28, 2020 at 05:00AM

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