केंद्र सरकार की तरफ से कृषि कानूनों के विरोध में गुरदासपुर रेलवे स्टेशन पर किसानों का धरना सोमवार को 26वें दिन में दाखिल हो गया। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि किसानों ने कोयला, तेल, खाद व अन्य आवश्यक सामान को ढुलाई चालू रखने के लिए मालगाड़ियां चलाने की अनुमति दी थी, लेकिन पेसेंजर गाड़ियों को नहीं चलने दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने पैसेंजर ट्रेनें न चलने की स्थिति में मालगाड़ियां न चलाने का फैसला कर लोक विरोधी होने का सुबूत दिया है।
अब अगर कोयले, तेल या खाद की कमी आती है तो उसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार ही होगी। अगर प्रदेश में ब्लैक आउट होता है या अन्य कोई संकट आता है तो लोग इसे झेलने के लिए तैयार हैं। नेताओं ने कहा कि अगर मोदी सरकार ने सभी ट्रेनें चलानी हैं तो उसे किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए। बिना देरी किए कृषि कानूनों को रद्द करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 26-27 नवंबर को दिल्ली का घेराव करने के अलावा 27 अक्टूबर को किसानों के सभी संगठन जो भी फैसला लेंगे, उसे लागू किया जाएगा। यहां अजीत सिंह, गुलजार सिंह, अश्वनी कुमार, सुखदेव सिंह, मक्खन सिंह कोहाड़, बलबीर रंधावा, गुरदीप सिंह, शिवदेव सिंह, जसबीर सिंह, बाबा कंवलजीत सिंह, मक्खन सिंह तिब्बड़, पलविंदर सिंह, हरभजन सिंह, कपूर सिंह, अमरजीत सैनी मौजूद रहे।
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October 27, 2020 at 05:12AM
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