गलत तरीके से पेंशन लेने वाले 1166 लोगों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है। इनमें से करीब 300 लोगों ने 10.2 लाख रुपए जमा करा दिए हैं जबकि 3 महीने में 50 लोगों ने जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन देकर बताया कि उन्हें स्थानीय नेताओं, पार्षद और सरपंचों ने बताया था कि सरकार ने आम लोगों को प्रतिमाह आर्थिक लाभ देने की योजना चलाई है। हर कोई इसका लाभ ले सकता है।
आवेदकों से केवल फार्माें पर साइन करा लिए गए थे, लोगों को यह भी नहीं पता उनका इनकम सर्टिफिकेट किसने और कैसे बनवाया। ये ऐसे लोग हैं, जिन्होंने गलत पता लिखकर और उम्र कम बताकर या फिर आमदनी कम दिखाकर पेंशन का लाभ लिया है। इन लोगों की माली हालत भी इतनी अच्छी नहीं हैं कि वे लाखों रुपए मिली पेंशन की धनराशि वापस कर सकें। इस वजह से इन लोगों ने सरकार से दोबारा जांच कराकर रिकवरी नोटिस वापस लेने और उन्हें दोबारा पेंशन मुहैया कराने की मांग की है।
300 लोगों ने 10.2 लाख रुपए जमा करवाए... 1166 लोगों से 3.53 करोड़ रुपए की वसूली होनी है
2017 में उजागर हुआ था 162 करोड़ रुपए का घोटाला
चर्चित बुढ़ापा पेंशन घोटाले में जांच के बाद 1166 आवेदन निरस्त हुए हैं। इनसे 3.53 करोड़ की रिकवरी होनी है। जालसाजों पर रेवेन्यू एक्ट और 420 की धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कराने की बात कही जा रही है। जिले में वसूली के लिए डीएसएसओ कार्यालय रिकवरी के लिए निरस्त हुए फार्मो को अपलोड करने का काम पूरा कर चुका है।
जिले में करीब 60 फीसदी बुढ़ापा पेंशन का लाभ लेने वाले ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपनी इनकम छुपाकर गलत तरीके से पेंशन ली है। बुढ़ापा पेंशन लाभार्थियों का डेटा सॉफ्टवेयर में भी फीड किया जा चुका है। दरअसल 2014-15 में उस समय की सरकार के जनप्रतिनिधियों ने विभागीय अफसरों की मिलीभगत से हजारों की संख्या में अयोग्य लोगों काे बुढ़ापा पेंशन लगवाई।
इसकी जांच साल 2017 में कैप्टन सरकार के द्वारा कराई गई तो 162 करोड़ रुपए का घोटाला उजागर हुआ। तब से जालसाजी करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही थी। आखिर जुलाई में सरकार ने रिकवरी करने के नोटिस जारी करने के आदेश दे दिए।
डीसी की पांच सदस्यीय कमेटी करेगी फैसला
सरकार ने अक्टूबर 2019 में मेल जारी करके जिला प्रशासन को आपत्तियां लेने के आदेश दिए थे। इसी के तहत जिला प्रशासन की ओर से बीते तीन महीने से अर्जियां लेने का काम चल रहा है। अब तक सिर्फ पचास लोगों ने ही जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी कार्यालय में अर्जी लगाई है। इस माह के अंत या फरवरी में डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम इन अर्जियों की सुनवाई करेगी। टीम अर्जी लगाने वाले लोगों की दलील सुनकर फैसला लेगी कि वास्तव में ये लोग डिफाॅल्टर हैं या नहीं। इनसे रिकवरी नोटिस वापस कर पेंशन बहाल की जाए या फिर इन पर कार्रवाई की जाए, इसका निर्णय लेने के लिए डीसी की कमेटी को अधिकृत किया गया है।
डीएसएसओ वरिंदर बैंस ने बताया कि आपत्तियां दाखिल करने के लिए डीसी की अध्यक्षता में एक टीम बनी है। अब तक करीब पचास लोगों ने गलत तरीके से रिकवरी नोटिस जारी होने की अर्जी लगाई है। फरवरी तक इनकी अर्जियों में निर्णय हो जाना है। उनका कहना कुछ ऐसे लोग आए हैं, जो वास्तव में योजना के पात्र हैं, मगर उन्हें यह नहीं पता कि गलत तरीके से उनके इनकम सर्टिफिकेट किसने और किस प्रकार से बनवा दिए।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
https://ift.tt/3blrtbH
January 09, 2021 at 05:04AM
No comments:
Post a Comment