कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी प्रणाली की वर्तमान व्यवस्था की खामियों को लेकर केंद्र सरकार से मीटिंग करेगी। एसोसिएशन के नेता हरिकेश मित्तल ने कहा कि यह जीएसटी अब औपनिवेशिक कर प्रणाली बन गई है, जो जीएसटी के मूल घोषित उद्देश्य गुड एंड सिंपल टैक्स के ठीक विपरीत है। वर्तमान जीएसटी कर प्रणाली देश में हो रहे व्यापार की जमीनी हकीकत से काफी हद तक दूर है। जीएसटी के तहत विभिन्न हालिया संशोधनों और नियमों की शुरुआत ने प्रणाली को बेहद जटिल बना दिया है और प्रधानमंत्री के इज ऑफ डूइंग बिजनेस की मूल धारणा के बिल्कुल खिलाफ है। कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने इस मुद्दे पर चर्चा करने काे समय मांगा है। मित्तल ने बताया कि कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने पिछले 4 वर्षों से अधिकारियों की ओर से जीएसटी के वर्तमान स्वरूप की कड़ी आलोचना कर कहा कि देश में जीएसटी लागू होने के लगभग 4 साल बाद भी जीएसटी पोर्टल अब भी कई चुनौतियों से जूझ रहा है। नियमों में संशोधन किया गया है। लेकिन, पोर्टल इन संशोधनों के साथ भी सही से काम नहीं कर पा रहा है। भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि वे वित्त मंत्री के साथ बातचीत के जरिए इन मुद्दों को हल करना चाहते हैं।
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January 07, 2021 at 06:06AM
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