पंजाब पुलिस में बतौर हेड कांस्टेबल मंगत राय पॉल के देहांत बाद भी इंश्योरेंस कंपनी ने पॉलिसी का 1 लाख रुपए और लोन माफ न करने पर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण कमीशन ने इंश्योरेंस कंपनी को 7 हजार रुपए जुर्माने के साथ लोन माफ करने के साथ 1 लाख रुपए देने के निर्देश दिए हैं।
एडवोकेट एससी सूद ने बताया कि संतोख पुरा की रहने वाले नवीन कुमार और अनीता पॉल की तरफ से इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में केस दायर किया गया था। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय मंगत राय पॉल की तरफ से एचडीएफसी से मास्टर पॉलिसी ली हुई थी, जिसमें कंपनी ने कहा था कि अगर पॉलिसी धारक की किसी बिमारी के चलते मौत हो जाती है तो उसे 1 लाख रुपए क्लेम के साथ सारा लोन माफ किया जाएगा।
21 अक्टूबर 2018 को उनकी हार्ट अटैक के चलते मौत हो गई और इंश्योरेंस कंपनी का 3,73,775 लाख रुपए पेंडिंग चल रहे थे। जब परिवार ने इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क किया तो उन्हें न क्लेम दिया और न ही लोन माफ करने के बारे में कोई बात की। इसके बाद साल 2019 में कंज्यूमर फोरम में केस दायर किया गया।
इसमें इंश्योरेंस कंपनी ने बताया कि उनकी पॉलिसी के मुताबिक अगर एक्सीडेंटल मौत होती तब ही 1 लाख रुपए क्लेम दिया जाना था और लोन तब माफ किया जाता जब पॉलिसी धारक 30 दिन अस्पताल में रहकर उनकी मौत होती, लेकिन उनका देहांत 3 दिनों के अंदर हो गया। लेकिन जिला उपभोक्ता विवाद निवारण कमिशन जालंधर के प्रेजिडेंट कुलजीत सिंह व मैंबर ज्योत्सना ने उपभोक्ता के हक में फैसला सुनाते हुए 1 लाख रुपए पॉलिसी के देने के साथ लोन माफ और 7 हजार रुपए मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
https://ift.tt/2MRebcT
January 10, 2021 at 04:58AM
No comments:
Post a Comment