भाजपा नेताओं की ओर से जहां इस संघर्ष को केवल किसानों का संघर्ष बताया जा रहा है, लेकिन खेत मजदूरों व अन्य वर्गों ने इस संघर्ष में शामिल होकर दिखा दिया है कि यह केवल किसानों का संघर्ष नहीं बल्कि सभी वर्गों का संयुक्त संघर्ष है।
इसी के तहत मुक्तसर जिले से हजारों की संख्या में किसानों के धरने में शामिल होने के लिए खेत मजदूर पहुंचे। जिससे किसानों की ताकत और बढ़ गई। खेत मजदूरों व किसानों के जमावड़े को यूनियन के राज्य महासचिव लक्ष्मण सिंह सेवेवाला ने संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी किसान व मजदूर जात-पात छोड़कर एकजुट होकर मैदान में आए हैं तब उन्होंने जीत प्राप्त की है।
उन्होंने कहा कि इन कानूनों के माध्यम से मोदी हुकूमत की ओर से खेत मजदूरों व दलितों की होंद ही खतरे के मुंह में धकेलने का जरिया बनेगा। उन्होंने कहा कि देश के हाकमों की ओर से इस संघर्ष को खत्म करने के लिए कई प्रयास फेल होने वाली जात पात बांटी की सियासत को मात देने में खेत मजदूरों की शमूलियत एक विशेष रोल अदा करेगी।
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January 10, 2021 at 05:08AM
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