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Friday, January 1, 2021

स्कूलों से ही मिलेगी फौज में जाने की प्रेरणा व बेसिक ट्रेनिंग

आर्म्ड फोर्स में जाने के लिए युवाओं को स्कूली जीवन में ही मानसिक व शारीरिक तौर पर तैयार किया जाएगा। इस दिशा में शिक्षा विभाग ने प्रोजेक्ट जय जवान शुरू किया है। सरकारी स्कूलों में 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों का आर्म्ड फोर्स में करियर बनाने के लिए शारीरिक शिक्षा अध्यापक पर्याप्त गाइडेंस के साथ-साथ फिजिकल ट्रेनिंग भी देंगे। हालांकि यह अनिवार्य नहीं होगी। 50 साल से कम आयु के 1664 फिजिकल लेक्चरर, डीपीई व पीटीआई को 2 से 11 जनवरी तक ऑनलाइन सिखलाई दी जाएगी।

शारीरिक शिक्षा अध्यापकों की ओर से विद्यार्थियों को गौरवशाली सैन्य जीवन की महत्ता बताई जाएगी, वहीं फौज में भर्ती के लिए आवेदन, पैरामीटर, योग्यता, लिखित परीक्षा संबंधी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा दौड़ व आर्मी ट्रेनिंग की स्पेसिफिक फिटनेस गतिविधियों के विद्यार्थियों का स्टेमिना बढ़ाया जाएगा। भर्ती के लिए कम से कम ोसमय में 1600 मीटर की दौड़ मुकम्मल करने वाले को तरजीह दी जाती है। कुछ साल पहले तक सरकारी विभागों के अलावा सेना ही युवाओं के पास रोजगार का विकल्प था। समय के साथ रोजगारों में नए-नए अवसर खुले हैं। हालांकि अब भी सेना के प्रति नौजवानों में क्रेज कम नहीं हुआ है। प्रशिक्षण के

दौरान अच्छा परफॉर्म करने वाले विद्यार्थियों के लिए जिला स्तर पर भी कैंप लगाए जाएंगे। सैनिक सामान्य वर्ग के लिए आयु साढ़े 17 से 21 वर्ष होनी अनिवार्य है। भर्ती के दौरान स्क्रीनिंग टेस्ट में सबसे पहले ऊंचाई मापी जाती है। मापदंड के मुताबिक होने पर 1.6 किमी की दौड़ मुकम्मल करने पर शारीरिक माप की जाती है। फिजिकल टेस्ट क्लियर करने पर शैक्षिक दस्तावेजों की जांच करके चयनित युवाओं की लिखित परीक्षा करवाई जाती है। आवेदन करने वाले युवाओं को सैनिक कल्याण विभाग की ओर से पूर्व सैनिक आश्रितों को मुफ्त में सेना का प्रशिक्षण दिया जाता



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January 01, 2021 at 05:17AM

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