फाजिल्का उपमंडल के गांव बेगांंवाली में हीरांवाली की ओर जाने वाली सड़क पर 28 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित शराब की फैक्ट्री के विरोध में 8 गांवों की पंचायतों ने संयुक्त बैठक की। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शराब फैक्ट्री का विरोध करते प्रस्तावित फैक्ट्री का काम रोकने की मांग की है।
बैठक में बेगांवाली, हीरांवाली, खुईखेड़ा, किक्करवाली रूपा, रामकोट, कबूलशाह खुब्बन, बांडीवाला, शतीरवाला सहित कई अन्य गांवों से पहुंचे सरपंचों ने ग्रामीणों को प्रस्तावित फैक्ट्री के विरोध में एकजुट होने का आह्वान किया। बैठक में गांव बेगांवाली के सरपंच सुरिंदर कुमार उर्फ बिल्लू, अनिल कुमार झींझा, भोमा राम खुईखेड़ा, अश्वनी कुमार स्वामी, विकास झींझा, राज सिंह झींझा ने कहा कि फैक्ट्री शुरू होने से वायु, ध्वनि और जल प्रदूषण से आसपास के ग्रामीणों का जीना मुहाल हो जाएगा। कृषि योग्य भूमि पर बनने वाली शराब फैक्ट्री के प्रदूषण से आसपास के गांवों में बसे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री के दुष्परिणामों से परेशान होकर आसपास के ग्रामीण भविष्य में अपने गांवों से पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे जिसकी जिम्मेदार शराब की फैक्ट्री होगी।
पंचायतें बैठकें कर ग्रामीणों को कर रहीं जागरूक
शराब फैक्ट्री के खिलाफ बैठकों का आयोजन कर आसपास के गांवों के लोगों को एकजुट करने के लिए जागरूक जा रहा है ताकि आने वाले समय में प्रस्तावित फैक्ट्री का बड़े स्तर पर विरोध कर बंद करवाया जा सके और आने वाली पीढ़ियों को फैक्ट्री से होने वाली समस्याओं से निजात मिल सके। शराब की फैक्टरी में पाइपलाइन द्वारा अधिक मात्रा में किए जाने से भविष्य में पानी का संकट ओर भी गहरा जाएगा। फैक्ट्री लगने से लोगों का खेती करना तो दूर की बात है, लोग पीने के पाने के लिए भी तरस जाएंगे।
मामला हमारे संज्ञान में नहीं : डीसी
युवा समाजसेवी अश्वनी कुमार स्वामी का कहना है कि शराब से क्षेत्र की युवा पीढ़ी में नशे का रुझान और बढ़ेगा जिस संबंधी ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को अवगत कराया। वहीं, डीसी का कहना है कि ऐसा कोई मामला उनके ध्यान में नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि शराब फैक्ट्री लगने से आसपास के करीब 2 दर्जन गांवों के लोग बीमारियों के शिकार हो जाएंगे। शराब फैक्ट्री लगने से जहां जमीनी पानी दूषित होगा वहीं समूह पर्यावरण भी प्रदूषित होगा क्योंकि फैक्ट्री का दूषित पानी जमीन में डाला जाएगा। किसानों का कहना है कि दूषित पानी से जमीन भी बंजर होने की कगार तक
पहुंच जाएंगी।
2013 में भी हो चुका है फैक्ट्री लगाने का प्रयास
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत क्षेत्र में किसी भी कीमत पर प्रस्तावित फैक्ट्री का संचालन नहीं होने दिया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2013 में फैक्ट्री लगाने के विरोध के चलते उक्त प्रस्तावित शराब फैक्ट्री ग्रामीणों का विरोध बदस्तूर जारी रहा। पिछले दिनों ग्रामीणों को जैसे ही ग्रामीणों को उक्त जमीन की दोबारा पैमायश किए जाने की सूचना मिली ग्रामीणों आक्रोश व्याप्त हो गया और इस संबंध में लोगों ने एकत्रित होकर विरोध किया था कि उक्त शराब फैक्ट्री को किसी भी हाल में बनने नहीं दिया जाएगा।
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January 04, 2021 at 04:00AM
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