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Monday, January 4, 2021

शहर में 28 ट्रैफिक लाइट्स, ट्रायल पास हुआ तो हर चौराहे पर लगी ट्रैफिक लाइटों में लगेंगे सेंसर, जाम से मिलेगी निजात

शहर में बढ़ रही ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए निगम द्वारा हर एक चौराहे पर सेंसर से चलने वाली ट्रैफिक लाइट्स लगाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसके तहत झंडियां वाला पीर में जिले की पहली सेंसर युक्त लाइट्स 7.64 लाख रुपए खर्च कर लगाई जा चुकी हैं। अब बस्ती गुजां की तरफ और आदर्श नगर की तरफ जाने वाली ट्रैफिक को इसका फायदा मिलेगा। इसी के साथ निगम ने अब एपीजे कॉलेज के सामने भी सेंसर युक्त ट्रैफिक लाइट्स इंस्टाल कर दी गई हैं, लेकिन अभी चालू नहीं की गई हैं। शहर में 28 जगह पर ट्रैफिक लाइट्स हैं।

एक ट्रैफिक लाइट्स को सेंसर से कनेक्ट करने के लिए 2 लाख रुपए के करीब खर्च आ रहा है और सभी लाइट्स पर सेंसर लगाने पर करीब 56 लाख रुपए खर्च आएगा। फिलहाल अभी ट्रायल बेस पर लाइट्स इंस्टाल की गई है। इनकी फीडबैक रिपोर्ट के बाद अन्य लाइटों पर सेंसर लगाने का काम का प्रस्ताव रखा जाएगा।

पुलिस मर्जी से बंद नहीं कर पाएगी लाइटें, ट्रैफिक अधिक हुआ तो 3-3 सेकंड का 5 बार मिलेगा एक्सट्रा पासिंग टाइम

शहर के व्यस्त चौक चौराहों पर कई बार ट्रैफिक पुलिस अपनी मर्जी से लाइटें बंद कर देती थी और अपनी मर्जी से ट्रैफिक को निकालना शुरू कर देती थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सेंसर में जितना समय दिया होगा, उसी के हिसाब से ट्रैफिक चलेगी। इससे जाम से निजात मिल जाएगा। निगम अधिकारियों का कहना है कि सेंसर वाली लाइट्स लगाने के बाद लोगों का भी सहयोग जरूरी है।

क्योंकि अगर कहीं एक मिनट या दो मिनट का इंतजार करना भी पड़ जाता है तो उससे जाम नहीं लगेगा। इससे ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को भी भारी राहत मिल जाएगी। निगम एससी सतिंदर सिंह ने बताया कि झंडियां वाला पीर के पास अभी तीन दिन ही हुए हैं सेंसर वाली लाइट्स को लगाए हुए। एपीजे के पास भी ट्रैफिक लाइट्स को सेंसर के साथ जोड़ दिया गया है, लेकिन अभी चालू नहीं की गई हैं। जहां ट्रैफिक का फ्लो

ज्यादा है तो वहां पर उस हिसाब से समय रखा जाएगा। फिलहाल अभी 15 सेकेंड का समय रखा है और पांच बार तीन सेकंड का स्लॉट रखा गया है। यानी ट्रैफिक अधिक हुआ तो 3-3 सेकंड 5 बार मिलेगा एक्स्ट्रा पासिंग टाइम। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अगर वाहनों की संख्या लाइट्स से पहले अधिक है तो 15 सेकंड मिल जाएं गुजरने के लिए।

एक ट्रैफिक लाइट पर सेंसर लगाने का 2 लाख रुपए के करीब खर्च आएगा। ट्रैफिक की मूवमेंट को सीसीटीवी कैमरों की मदद से कैच किया जाएगा। कई बार सिग्नल हरा होने के बावजूद पीछे गाड़ियां नहीं होती, ऐसे में समय बर्बाद होता है। मैनुअल ट्रैफिक सिग्नल में ट्रैफिक गुजरने का समय निर्धारित कर दिया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सेंसर वाली लाइट्स लगने के बाद किसी चौराहे पर किसी रास्ते पर गाड़ियां नहीं होंगी तो उस ओर ट्रैफिक सिग्नल लाल ही रहेगा और अन्य लेन की ट्रैफिक लाइट लाल हो जाएगी।



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28 traffic lights in the city, if the trial is passed, then there will be a sensor installed in traffic lights at every intersection, will get rid of jam

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January 04, 2021 at 05:06AM

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