मुक्तसर का एक ऐसा परिवार जिसने देश की आजादी के आंदोलन से लेकर कोरोनाकाल व किसान आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाते हुए अपने फर्ज निभाए। मुक्तसर शहर के डाॅक्टर केहर सिंह ने 1947 में आजादी आंदोलन के दौरान आजादी के लिए संघर्ष किया और सरकार ने उन्हें आजादी घुलाटिए का खिताब भी दिया। अब उनका परिवार कोरोनाकाल के दौरान व देश के दूसरे बड़े किसान आंदोलन में भी आगे आकर सेवा
कर रहा है। जहां इस परिवार ने कोरोनाकाल में लाखों का दूध व गेहूं गरीबों में बांटा वहीं अब लाखों का तेल भी किसान आंदोलन में जा रहे ट्रैक्टर ट्रालियों में अपने पेट्रोल पंप से नि:शुल्क डाल रहे हैं। इसके साथ ही परिवार के डाॅक्टर सदस्य टिकरी बॉर्डर पर मेडिकल कैंप व मुफ्त सेवाएं भी दे चुके हैं। इसके अलावा वह अपने पेट्रोल पंप पर आने वाले प्रत्येक ग्राहक को फ्री में सेनिटाइजर भी दे रहे हैं।
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बिल्लू सिद्धू ने बताया कि उन्होंने महसूस किया कि दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को चाहे फ्री में मेडिसिन तो मिल रही है परंतु एक्सपर्ट डाक्टर की कमी है इसलिए उनके पारिवारिक सदस्य डाक्टरों ने जिनमें उनकी पुत्रवधू डाॅ. जैसमीन चहल सिद्धू एमडी मेडिसिन, चचेरा भाई डॉ तेजवीर सिंह एमडी, फूफा डाॅ. इकबाल सिंह एमडी व फूफा की पुत्रवधू डाॅ. अवनीत कौर एमडी गायनी ने टिकरी बॉर्डर पर मेडिकल कैंप लगाने का फैसला किया। किसानों को मुफ्त दवाएं बांटी व चेकअप किया।
कोरोनाकाल में वेरका से 180 ग्राम दूध की स्पेशल पैकिंग करवाई और इसी के तहत उन्होंने गरीब के घरों में करीब 6 लाख रुपए का दूध मुफ्त में भिजवाया। इसी के साथ अप्रैल में जब खेत में गेहूं की कटाई चल रही थी तो उन्होंने पांच ट्राली गेहूं की भी गरीबों में बांटी।
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January 04, 2021 at 04:00AM
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