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Monday, January 4, 2021

रोजगार विभाग से सेवानिवृत्त प्रवीण खन्ना, अब कमजोर लोगों को न्याय दिलाने का उठाया बीड़ा

जरूरतमंदाें के लिए कुछ करने का जज्बा मन में हो तो उम्र आड़े नहीं आती। ऐसा ही कुछ कर दिखाने का जज्बा लेकर फिरोजपुर शहर निवासी प्रवीण कुमार खन्ना ने 64 साल की आयु में एलएलबी कर जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया है। सेवानिवृत्त के बाद अपनी दिनचर्या को लोगों को समर्पित करने के लिए उन्होंने यह रास्ता चुना है। इतना ही नहीं शिक्षा का अपना सफर ताउम्र जारी रखकर युवाओं को शिक्षा

के प्रति प्रेरित करने का भी प्रवीण खन्ना ने मन बना लिया है। खन्ना ने बताया कि उन्हें बचपन में मुफलिसी का जीवन जीना पड़ा। इस दौरान जो परेशानियां उनको देखने को मिली उससे सबक लेकर वे अब जरूरतमंद लोगों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ना चाहते हैं। क्योंकि उन्होंने लोगों को न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाते देखा है। उनका दर्द वे बखूबी महसूस कर सकते है।

इसलिए उन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान परिवार की जिम्मेदारियां निभाई और अब सेवानिवृत्त के बाद समाज के लोगों को लेकर अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं। इसी चाहत के कारण उन्होंने सेवानिवृत्त के बाद गंगानगर में लॉ में दाखिला लिया और तीन साल तक घर से दूर पीजी में रहकर लॉ की पढ़ाई की। अब उन्हें हाईकोर्ट की बार एसोसिएशन की तरफ से वकालत करने की लाइसेंस जारी हो चुका है।

प्रवीण शिक्षा के सफर को आगे भी जारी रखना चाहते हैं

प्रवीण कुमार खन्ना ने शिक्षा हासिल करने का सिलसिला कभी बंद नहीं करूंगा, नौकरी के दौरान ही उन्होंने बीए और उसके बाद एमए इतिहास की डिग्री पास की। अब एलएलबी के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में उनकी डगर थमने वाली नहीं है। खन्ना ने बताया कि उनकी पत्नी सुनीता खन्ना जो अपना स्कूल चला रही है उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। रोजगार कार्यालय में क्लेरिकल पद पर 1979 को भर्ती हुए उसके बाद 2016 को स्टेस्टीकल असिस्टेंट पर से सेवानिवृत्त हुए। 2016 में एमए इतिहास से की पत्राचार के माध्यम से पास की। गंगा नगर से एलएलबी पास की है।

जरूरतमंदों के लिए फ्री में लड़ेंगे केस

प्रवीण कुमार ने लोगों से आह्वान किया कि जो अपनी फीस नहीं दे सकता उसका केस वे फ्री में लड़ेंगे। बसर्ते उस व्यक्ति का केस सच्चाई के आधार पर हो। उन्होंने कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी है। यहां पर पैसे कमाना उनका मकसद नहीं बल्कि लोगों की फ्री सेवा करेंगे। जरूरतमंद लोगों के ही केस लड़ेंगे। इसके लिए कोई शुल्क नहीं बसूला जाएगा, ताकि लोगों को राहत महसूस हो सके और उनको न्याय मिल सके। यह

करके वे अपना समाज के प्रति बनता दायित्व निभाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे बहुत से मामला देखे हैं जिनमें पैसे वाले लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय नहीं मिलने देते। इससे लोगों में हीन भावना पैदा होने लगती है जो किसी अच्छे समाज की सृजना में कोढ़ जैसी साबित हो सकती है।




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January 04, 2021 at 04:00AM

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