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Tuesday, January 5, 2021

अमृतपाल सिंह को नौकरी से निकालने का यूनियन के नेताओं ने किया विरोध

घर-घर रोजगार का नारा देने वाली और बीते दिनों कैबिनेट मीटिंग में अगले दिनों में 50,000 नई रेगुलर नौकरियों के भर्ती करने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार की नीयत उस समय जग जाहिर हो गई जब नए साल के दिन मनरेगा कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महासचिव अमृतपाल सिंह जोकि लंबे समय से कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने की लड़ाई लड़ रहे थे को नए साल का तोहफा देते हुए पंजाब सरकार ने नौकरी से निकालने के आदेश दे दिए।

सर्व शिक्षा अभियान/मिड-डे मील दफ्तरी कर्मचारी यूनियन पंजाब के प्रांतीय नेता विकास कुमार, आशीष जुलाहा, प्रवीण शर्मा और राजेश वाट्स फाजिल्का ने प्रेस बयान के द्वारा पंजाब सरकार और जिला प्रशासन के इस फैसले की निंदा की और तुरंत कर्मचारियों को नौकरी पर वापस लेने की मांग की। नेताओं ने कहा कि कच्चे कर्मचारी सरकार की इतना बुरी नीतियों का लम्बे समय से संताप झेल रहे हैं और जब भी किसी राजनैतिक नेता या प्रशासनिक अधिकारी का मन करता है तो कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फरमान सुना दिया जाता है।

इस ठेका प्रथा को खत्म करवाने के लिए अमृतपाल सिंह लगातार सरकार विरुद्ध संघर्ष कर रहे हैं और सरकार ने अब उन को नौकरी से निकाल कर जलती पर तेल डाला है। नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कर्मचारी को तुरंत नौकरी पर वापिस न लिया तो मनरेगा कर्मचारी यूनियन द्वारा शुरू करे जाने वाले संघर्ष में दफ्तरी कर्मचारी डटकर साथ देंगे।



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January 05, 2021 at 04:00AM

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