निगम दायरे में बीते 3 साल में बनाई गई अवैध कॉलोनी की लिस्ट तैयार करने में हो रही देरी को लेकर कमिश्नर करणेश शर्मा ने एक्शन लेने की हिदायत दी है। कहा है कि जल्द सभी बिल्डिंग इंस्पेक्टर अपने-अपने इलाके में बनी अवैध कॉलोनी के साथ ही उसके मालिक और प्रमोटर का नाम दें, लेकिन अधिकांश मामले में मिली भुगत होने से इंस्पेक्टरों को अब अपनी गर्दन फंसती नजर आ रही है। इसलिए अवैध कॉलोनी की रिपोर्ट दे रहे हैं, लेकिन उसके मालिक का नाम देने में बहाने बना रहे हैं।
एक सप्ताह में बीते तीन साल में बनी सिर्फ 25 अवैध कॉलोनियों की लिस्ट हुई तैयार
कमिश्नर के आदेश पर एसटीपी परमपाल सिंह ने इंस्पेक्टरों को हिदायत दी है कि वो अवैध कॉलोनियों के मालिकों का नाम दें। इसमें इंस्पेक्टर मौके पर जानकारी नहीं मिलने या फिर मौके पर मिले लोगों द्वारा लड़ाई करने का बहाना देकर मालिक का नाम देने से बच रहे हैं। परमपाल सिंह ने बताया कि अब तक 26 अवैध कॉलोनियों के नाम की सूची तैयार हुई है, इसलिए मंगलवार तक सभी इंस्पेक्टर से अपने इलाके की रिपोर्ट देने
को कहा है। साथ ही बताया कि विवाद का बहाना करने वालों से कहा गया है कि वो ऐसे लोगों की फोटो करके लाएं, पुलिस को शिकायत देकर ऐसे लोगों की पहचान कराई जाएगी। एसटीपी ने कहा कि बावजूद इसके अगर इंस्पेक्टरों ने अवैध कॉलोनी के मालिक का नाम रिपोर्ट में नहीं दिया, तो कॉलोनी की गूगल मैप की लोकेशन पुलिस को शिकायत के साथ भेजी जाएगी, पुलिस उसकी पहचान कर पर्चा दर्ज करेगी।
मंत्री के साथ बैठक में हुए फैसले की चिट्ठी नहीं आई, सेंक्शन कमेटी की मीटिंग टलने से कार्रवाई ठप : निगम कमिश्नर
कमिश्नर करणेश शर्मा ने बताया कि अवैध कॉलोनी पर पर्चा दर्ज कराने की कार्रवाई के बाद कॉलोनाइजरों ने अपनी मांग को लेकर मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया और सुंदर शाम अरोड़ा के साथ मीटिंग की थी। उसमें आश्वासन दिया था कि आवेदन करने वालों पर पर्चा दर्ज कराने की कार्रवाई रोक दी जाए और बकाया फीस लेकर उन्हें रेगुलर कराने का एक मौका दिया जाए, लेकिन जिन लोगों ने अब तक आवेदन नहीं किया है, उसकी पहचान कर पर्चा दर्ज कराया जाए, लेकिन मीटिंग में हुए फैसले को लेकर सरकारी स्तर पर चिट्ठी आनी है, इसके बाद ही राहत देने को लेकर प्रक्रिया तय होगी। इसी के इंतजार में निगम के सेंक्शन कमेटी की मीटिंग भी नहीं हो पा रही है। कमिश्नर ने बताया कि चिट्ठी आने के बाद ही कमेटी की मीटिंग कर आवेदन करने वालों से बकाया फीस लेने, कागजात में राहत देने और रेगुलर करने की प्रक्रिया को तय कर आगे की कार्रवाई होगी।
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January 02, 2021 at 04:48AM
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