कोरोना के समय में जब परिवार में आर्थिक परेशानियां आईं, तब महिलाओं ने आगे बढ़कर परिवार को संभालने के साथ ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद की। ऐसे में वार्ड 17 की पार्षद शैली खन्ना उन महिलाओं की मदद करने के लिए आगे आईं जो अपने हुनर के जरिए आत्मनिर्भर बन रही हैं। पार्षद खन्ना बताती हैं किa करीब 1 साल पहले ऑफिस की जगह में घर की पुरानी सिलाई मशीनों को निकालकर रखा था और वहीं से उनके केंद्र कीरत करो की शुरुआत हुई। वहां लोगों से कहकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सिलाई का काम दिलवाना शुरू किया।
फिर महिलाएं घरों से भी सिलाई मशीन ले आईं और काम करने लगीं। कोरोना के समय में संस्थाओं से आर्डर लेकर महिलाओं को मास्क बनाने के काम दिलवाया। महिलाओं ने करीब 22 हजार मास्क बनाकर दिए। किरत करो केंद्र में आज करीब 25 से 30 महिलाएं सिलाई का काम करके आत्मनिर्भर बन रही है। वहीं करीब 50 महिलाओं को हुनर के हिसाब से काम मिल चुका है।
वार्ड के लोग देते हैं सिलाई का काम, बच्चों के स्वेटर भी बनवा रहे
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वार्ड 17 के लोगों से सिलाई के छोटे काम से लेकर सूट सिलने तक का काम उन्हें दिलाया जा रहा है। वहीं जो महिलाएं बुनाई या क्रोशिए का काम जानती थी, उनसे हमने स्वेटर बनवाकर जिन घरों में बच्चे का जन्म होता था वहां शगुन के तौर पर देने शुरू किए। लोगों को जब इसका पता चला तो अब खुद आर्डर देकर काम दे रहे हैं। कुछ लोग पुरानी कपड़े या चादरें देकर उनसे सिरहाने के कुशन कवर या रिजाई या कंबल कवर भी बनवा लेते हैं। इसके अलावा जो महिलाएं अच्छा खाना बनाना जानती हैं, उन्हें वार्ड में ही शेफ का काम दिलवा गया है। इसके लिए अलग-अलग ग्रुप बनाकर जिम्मेदारी केंद्र की मेंबर मनिंदर को दी है। वहीं महिलाओं का सारा रिकार्ड मेनटेन करती हैं ताकि महिलाओं को उनके हुनर के हिसाब से काम दिया जा सके।
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November 30, 2020 at 05:05AM
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