मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ रेलवे की यूआरएमयू ने वीरवार को धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म के बाहर मुख्य द्वार पर सुबह 11 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक लगातार जारी रहा। जिसमें भारत सरकार व रेलवे के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। यूआरएमयू के मंडल अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने प्रदर्शनकारियों काे संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार मजदूर विरोधी नीतियों को बनाकर लागू कर रही है। सरकार की इन नीतियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर सरकार ने अपने फैसले वापस नहीं लिए तो यूनियन अपना प्रदर्शन और तेज करेगी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय व रेल कर्मचारियों के फ्रिज किए डीए को तुरंत लागू किया जाए। अश्वनी कुमार ने बताया कि रेल के निजीकरण को रोका जाए। जबकि सरकार निजीकरण की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रही है। एंटी लेबर कोड 2020 को रद्द किया जाए। रेल कर्मचारी जिन सरकारी क्वार्टरों में रहते हैं उन क्वार्टरों का प्रति वर्ष 10% किराया बढ़ाने का फैसला रेल को वापस लेना चाहिए।
एन पीएस को रद्द कर ओपीएस लागू किया जाना चाहिए। कर्मचारियों के नाइट अनाउंस की सीलिंग को खत्म किया जाना चाहिए। रेलवे के जिन ड्राइवरों की बड़गांव में परमानेंट ड्यूटी लगाई है उस ड्यूटी को कैंसिल किया जाना चाहिए। अश्वनी कुमार ने बताया कि रेल कर्मचारियों के लिए यूआरएमयू हमेशा से ही डटकर अफसरशाही के खिलाफ बोलती रही है। इस मौके पर उनके साथ कालीचरण शर्मा, राज किशोर, जगदीश कुमार, पवार सिंह, विक्रम शर्मा, एसएस सोढ़ी, फिरोज आलम सहित यूआरएमयू के अन्य सदस्य मौजूद थे।
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November 27, 2020 at 05:23AM
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