कई बार लोग कर्ज नहीं चुका पाते तो गिरवी रखी प्राॅपर्टी का कब्जा बैंक ले लेता है और उसकी नीलामी की जाती है। ऐसे मामलों में अकसर हाउस टैक्स, बिजली बिल आदि पेंडिंग ही होते हैं, जिसका विक्रेता बैंक से हिसाब नहीं लेते। बाद में ऐसे मामले विवाद बन जाते हैं। ऐसा ही मामला जालंधर का है। रंधावा मसंदां में इंडस्ट्री संचालक दिनेश चड्ढा ने एक सहकारी बैंक की नीलामी में करीब 6 कनाल A प्लाॅट खरीदा था।
3 फरवरी को बिजली कनेक्शन अप्लाई करके 62,290 रुपए जमा करवा दिए। इस पर पावरकाॅम ने पेंडिंग 18.19 लाख रुपए जमा करवाने को कह दिया। जमीन पर राजन साही के नाम कनेक्शन रिकाॅर्ड में था, जिसका एरियर करीब 18 लाख रुपए पेंडिंग था। चड्ढा मामला लेकर कोर्ट में गए लेकिन फैसला पावरकाॅम के हक में आया है। उपभोक्ता के पास ऊपरी अदालत में जाने का हक है लेकिन फिलहाल पावर कनेक्शन लेने के लिए पेंडिंग रकम पहले जमा करानी होगी।
पावरकाॅम के वकील संदीप कंवल सिंह छाबड़ा ने एडिशनल सिविल जज सीनियर डिविजन सुषमा देवी की ओर से दिए गए आदेश को आम आदमी के लिए महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने बताया कि नीलामी में प्राॅपर्टी खरीदते हैं तो बैंक से बकाया बिल, हाउस टैक्स आदि की जानकारी अवश्य लें। पावरकाॅम नए खरीदार के नाम पर उतनी देर नया कनेक्शन रिलीज नहीं करता है, जब तक वह पुराने खरीदार की तरफ से पेंडिंग रकम जमा नहीं होती।
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November 28, 2020 at 05:17AM
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