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Friday, November 27, 2020

हफ्ता पहले गरिमा ने ससुर से खतरे की कही थी बात, गंंभीरता दिखाते तो बच जातीं जानें

मयूर विहार में मंगलवार सुबह बिल्डर राजीव सुंडा द्वारा पत्नी सुनीता, बेटे आशीष, बहू गरिमा और पोते सुकेत की हत्या कर दी थी। वारदात के 11 घंटे बाद उसकी लाश जीआरपी पुलिस जगराओं को रेलवे ट्रैक के पास से बरामद हो गई। वीरवार को राजीव की बहन सीमा और अनीता ने शव की पहचान की। वहीं, दूसरी ओर पुलिस ने बहू गरिमा के मायके वालों को थाने में पूछताछ के लिए बुलाया था।

गरिमा के मौसा अजय कुमार ने बताया कि गरिमा अपनी मां अनीता की 13 अक्टूबर को मौत के बाद हफ्ते में दो-तीन बार मायके आने लगी थी। आखिरी रविवार को भी वह आई थी। इस दौरान उसने परिवार वालों को राजीव से खतरा होने की बात कही थी। उसने खुद के सेफ न होने की बात बोली। जबकि उसने कहा था कि मायके वाले उनका पहले फैसला कराएं तो वह उस घर जाएगी।

लेकिन परिवार वालों ने सोचा कि शायद पहले की तरह ससुराल वाले उस पर दबाव डाल रहे हैं। ससुरालियों को समझाने की सोचकर शाम को उसका भाई गौरव छोड़ने के लिए चला गया। वह उसे घर के बाहर छोड़कर आ गया। हालांकि सोमवार की रात करीब 9 बजे गरिमा की पिता अशोक व भाई गौरव गुलाटी के साथ मोबाइल पर बातचीत हुई। गौरव अनुसार तब उसने ठीक बात की थी।

15 साल में कुछ दिन ही रात में रहने मायके आई थी गरिमा

पिता अशोक गुलाटी ने बताया कि गरिमा की शादी करीब 15 साल पहले आशीष के साथ हुई थी। अशोक के अनुसार राजीव पूरे परिवार पर कई पाबंदियां लगाकर रखता था। जबकि गरिमा को मायके भी नहीं आने देता था। शादी के बाद गरिमा कुछ दिन ही मायके रात रहकर गई। क्योंकि उसे रात रुकने पर मनाही थी। जिसके चलते आशीष उसे सुबह 11 बजे छोड़कर जाता और फिर वह चार बजे वापस चली जाती थी। इलाके के लोगों के अनुसार उन्होंने कभी भी राजीव व उसके परिवार को गली में घूमते नहीं देखा। सुकेत कभी गली में खेलने तक नहीं आया। यहां तक कि इलाके में होने वाले किसी भी फंक्शन पर सुनीता अकेले जाती थी।

मां के बीमार होने के बाद आने लगी थी मायके
अशोक के अनुसार उनकी पत्नी अनीता की तबीयत खराब होने के चलते उसे अस्पताल दाखिल कराया गया। जिस कारण घर पर कोई भी खाना बनाने के लिए नहीं था। इसी के चलते गरिमा 12-13 दिन मायके रही। जिसके बाद वह मायके आने लगी थी। जबकि कुछ दिन पहले गरिमा ने अपनी रिश्तेदार भाभी व अन्य रिश्तेदारों को घर पर डिनर के लिए भी बुलाया था। अशोक के अनुसार राजीव शकी मिजाज का था। गरिमा जब भी मायके वालों से मिलती तो वह गुस्सा करता था और झगड़ता था। एक महीना पहले अनीता की मौत के बाद राजीव भोग पर आया और कुछ समय बाद चला गया था।

गौरव ने कहा लिया था एजुकेशन लोन
राजीव सुंडा ने सुसाइड नोट में लिखा था कि उसने गरिमा के भाई की स्टडी के लिए तीन लाख रुपए दिए थे। लेकिन वहीं दूसरी ओर गौरव का कहना है कि वह एक कंपनी में इंजीनियर है। उसने 2008 में इंजीनयिरिंग करनी थी। जिसके चलते उसने सवा लाख रुपए एजुकेशन लोन लिया था। उसी लोन से उसने अपनी स्टडी पूरी कर नौकरी पर लग गया था।



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Weeks ago, Garima had said danger to her father-in-law, if she had shown seriousness, she would have survived.

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November 27, 2020 at 04:32AM

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