जिले में कोरोना संक्रमितों की गिनती 20 हजार से ज्यादा हो गई है लेकिन राहत वाली बात यह है कि इनमें से 19084 ठीक हो चुके हैं और वैक्सीनेशन की तैयारी शुरू हो चुकी है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की तरफ से कोरोनावायरस की दो वैक्सीन कोविडशील्ड और कोवैक्सीन की आपात मंजूरी मिलने के बाद अब स्टेट हेल्थ अथॉरिटी जिला स्तर पर डोज पहुंचाने को तैयार है। वैक्सीनेशन के लिनए 3 दिन में ड्यूटी रोस्टर तैयार कर लिया जाएगा और 33 सेंटर में डोज देने का प्रोसेस शुरू कर दिया जाएगा।
पहले चरण में हेल्थ वर्करों को कोविन पोर्टल की एंट्री के मुताबिक जिला स्तर पर डोज भेजी जाएगी। हेल्थ वर्कर या हेल्थ कर्मी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में काम कर रहे हैं, उन्हें पहले चरण में प्राथमिकता में रखा गया है। अब तक पोर्टल पर 13 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुकी है जबकि पहले चरण में 10 हजार को वैक्सीन दी जाएगी। इसके लिए शहरी क्षेत्र में 24 और देहाती क्षेत्र में 9 प्राइमरी हेल्थ सेंटरों और सब डिविजन अस्पतालों का चयन किया गया है। पहली डोज के 28वें दिन दूसरी डोज दी जाएगी।
वैक्सीन की प्रक्रिया के बारे में वो सब...जो आप जानना चाहते हैं
Q. वैक्सीनेशन प्रोग्राम कब शुरू होगा, प्रति व्यक्ति कितनी डोज लगेगी?
A.पहले चरण में हेल्थ वर्करों को, फिर फ्रंट लाइन वर्करों और उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को डोज दी जाएगी, जिन्हें लंबे समय से शुगर, ब्लड प्रेशर या कोई अन्य रोग है। इसके बाद 50 साल से कम उम्र के उन लोगों को डोज दी जाएगी, जिन्हें कोई बीमारी नहीं है। ड्रग हाउस से वैक्सीनेशन मिलने के बाद तय होगा कि पहली डोज कब शुरू होगी। पहले दिन डोज लगने के बाद दूसरी डोज 28वें दिन लगेगी, जिसका मैसेज मोबाइल पर आएगा कि किस सेंटर में जाकर वैक्सीन लगवानी है।
Q. वैक्सीन की मौजूदा तैयारियां क्या?
A.जिले में वैक्सीन के लिए 33 सेंटरों पर 50 टीमें तैनात रहेंगी। हरेक टीम में डाॅक्टर कम वैक्सिनेटर समेत 5 से 6 लोग होंगे। दो से तीन दिन मेंं ड्यूटी रोस्टर तैयार हो जाएगा। आने वाले दिनों में इन सेंटरों पर तैयारियों का जायजा शुरू हो जाएगा।
Q. आम लोगों तक डोज कब पहुंचेगी?
A.वर्तमान में हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्करों की ही कोविन एप पर एंट्री का फारमेट उपलब्ध है। इसके बाद कोमोरबिड मरीजों की पोर्टल पर एंट्री होगी। एंट्री पिछले दिनों हुए सर्वे के आधार पर भी हो सकती है। आम लोगों को वैक्सीन के लिए फार्म भरने की कोई आॅप्शन नहीं है। किसी प्राइवेट एजेंसी के पास भी डेटा एकत्रित करने की योजना नहीं है। सरकारी वैक्सीन उसी व्यक्ति को मिलेगी, जिसकी सेहत विभाग की तरफ से कोविन पोर्टल रजिस्ट्रेशन की जाएगी।
Q. जिन वैक्सीनेशन को मंजूरी मिली है, उनमें से जिले में कौन-सी आएगी?
A.यह स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट तय करेगा कि जिले में कोविडशील्ड वैक्सीन आएगी या कोवैक्सीन। फिलहाल जिला स्तर पर कोई सूचना नहीं है।
Q. आम लोगों को वैक्सीन के लिए कितनी अदायगी करनी होगी?
A.नेशनल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के तहत किसी भी बीमारी के तहत लगने वाले टीके या वैक्सीन का कोई पैसा नहीं लिया जाता। वर्तमान में हेल्थ वर्करों के लिए जो वैक्सीन प्रोग्राम होगा, उसके लिए उन्हें कोई पैसा नहीं देना होगा। आने वाले दिनों में वैक्सीन फीस का कोई निर्देश नहीं आता तो आम लोगों को भी वैक्सीन बिना फीस लगेगी।
Q. वैक्सीनेशन में बच्चे शामिल हैं? उनकी उम्र सीमा क्या रखी गई है?
A.अभी बच्चों को वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल नहीं किया गया और न ही कोई अलग से फारमेट तैयार किया गया है। हेल्थ वर्करों में युवाओं से लेकर 58 साल के कई लोग हैं, जिन्हें वैक्सीन लगेगी। ऐसे में उम्र की सीमा नहीं है।
Q. वैक्सीनेशन से पहले कोई परहेज?
A.सेहत विभाग ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है लेकिन वैक्सीन लगने से पहले फार्मासिस्ट बीमारी के बारे में जरूर पूछेगा। तब व्यक्ति को बताना होगा कि उसे कोई बीमारी है या कोई दवा ले रहा है। डोज के बाद किसी व्यक्ति को टीका रिएक्शन करता है तो उसका एईएफआई किट से इलाज किया जाएगा।
Q. वैक्सीनेशन के बाद कोई साइड इफेक्ट हुआ तो क्या करना होगा?
A.डोज लगने के बाद रेस्ट रूम में 30 मिनट तक डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की निगरानी में रुकना होगा। कोई रिएक्शन हुआ तो उसे एडवर्स इवेंट फॉलविंग इम्युनाइजेशन (एईएफआई) के तहत इलाज दिया जाएगा। इसमें मरीज मौके पर ग्लूकोज से लेकर बॉडी में रिएक्शन कंट्रोल करने के लिए टीका भी लगाएगा। अगर मरीज की हालत ज्यादा खराब होती है। उसे फिर नजदीकी सब सेंटर के नजदीकी अस्पताल में लेकर जाएगा।
इधर; इधर; 23 संक्रमित, 3 की मौत23 संक्रमित, 3 की मौत
जालंधर | जिले में कोरोनावायरस के कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 20 हजार से पार हो गई है। जबकि 19084 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में 288 एक्टिव मरीज हैं जबकि 647 दम तोड़ चुके हैं। जिले में पहला मरीज 21 मार्च को मिला और जुलाई, अगस्त, सितंबर में सबसे ज्यादा संक्रमितों की पुष्टि हुई। कोरोना काल के 10वें महीने में संक्रमितों का ग्राफ नीचे जा रहा है और ठीक होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। डाॅक्टरों के मुताबिक नए मरीजों की गिनती में 2 से 4 फीसदी इजाफा हो रहा है। दम तोड़ने वालों में अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीज ज्यादा हैं, जो लंबे समय से उपचार के बावजूद रिकवर नहीं कर पाए। सिविल अस्पताल के मेडिसन स्पेशलिस्ट डॉ. भूपिंदर सिंह का कहना है कि अस्पताल में दाखिल मरीजों में अब वायरल लोड जहां कम हुआ है, वहीं ओपीडी में भी खांसी बुखार के मरीज कम आ रहे हैं। सोमवार को जिले में 23 नए मामले संक्रमित मिले जबकि तीन की इलाज के दौरान मौत हो गई।
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January 05, 2021 at 04:49AM
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