द पेस्टिसाइड एसोसिएशन एवं शिरोमणि अकाली दल अबोहर के स्थानीय प्रधान सुरेश सतीजा ने कहा है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में पिछले करीब एक माह से चल रहे रेल रोको आंदोलन का असर अब राज्य के किसानों पर ही पड़ना शुरू हो गया है। जिसके तहत पंजाब के किसान पड़ोसी राज्यों राजस्थान व हरियाणा से मंहगे दामों पर यूरिया खाद खरीदने को मजबूर हैं।
मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति के दौरान सतीजा ने कहा कि इतना ही नहीं दूसरे राज्यों से उर्वरक लाते हुए पकड़े जाने पर पंजाब के किसानों पर पर्चे भी दर्ज किए जा रहे हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए अबोहर पेस्टीसाइड एंड फर्टिलाइजर डीलर एसोसिएशन ने आंदोलनकारी किसान संगठनों से पंजाब में रेल यातायात शुरू करने की छूट देने की मांग की है।
पंजाब में खाद के रैक न लगने से आयातित डीएपी के रैक राजस्थान के सूरतगढ़ में लगाए जा रहे है और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों के फर्टिलाइजर विक्रेता सूरतगढ़ से करीब 25 रुपए प्रति बोरी किराया अदा करके अपनी दुकानों तक खाद पहुंचा रहे हैं। जिसे पंजाब के किसान गेहूं की बिजाई के लिए डीएपी खाद राजस्थान व पंजाब के मुकाबले में 50-100 रुपए अधिक देकर खरीदने को मजबूर हो रहे हैं।
इसके साथ ही 266.50 रुपए प्रति बोरी वाली यूरिया खाद पंजाब के किसान 350 रुपए में ब्लैक में खरीदने को मजबूर हो रहे है। इतना ही नहीं कुछ खाद विक्रेता किसानों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उन्हें यूरिया के साथ ही गेहूं का बीज या फिर गैर जरूरी कीटनाशक भी जबरन थोप रहे हैं।
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November 23, 2020 at 04:00AM
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