ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) के आह्वान पर जालंधर व आसपास के गावों से 10 किसान जत्थेबंदियां दिल्ली के लिए रवाना हुईं लेकिन उन्हें शंभू बैरियर पर रोक दिया गया। जत्थेबंदियों ने चेतावनी दी है कि जब तक दिल्ली नहीं जाने दिया जाएगा, वे हाईवे पर धरना लगाकर बैठे रहेंगे और पटरियों पर बैठकर ट्रेनें रोक देंगे। किसान कृषि कानून रद्द करवाकर ही दम लेंगे। बुधवार को किशनगढ़, भोगपुर, आदमपुर, करतारपुर से ट्रालियों में रवाना हुए। किसानों के धरने के कारण अंबाला से 20 किलोमीटर पहले गांवों के रास्ते रूट डायवर्ट किए गए, जिस कारण जालंधर पहुंचने में राहगीरों को ढाई घंटे से अतिरिक्त समय लगा। किसान संघर्ष कमेटी के प्रधान सलविंदर सिंह जानिया ने बताया कि केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये के कारण लोगों का नुकसान हो रहा है।
जनरेटर, गैस सिलेंडर, बिस्तर और लंगर का सामान लेकर पहुंचे, लगाया डेरा
किसान जनरेटर, गैस सिलेंडर, बिस्तर और लंगर की पूरी व्यवस्था करके चले हैं। वे लंबे धरने को तैयार हैं। किशनगढ़ से चली दोआबा किसान संघर्ष कमेटी के प्रधान हरसलिंदर सिंह जानिया ने बताया कि हरियाणा सरकार किसानों को आगे नहीं जाने दे रही। उन्होंने कहा कि ‘असीं केहड़ा पाकिस्तान तों आए, हरियाणा ते पंजाब विच की फर्क आ। हरियाणा सरकार नूं वी किसानां दा साथ देणा चाहीदा है। वहीं, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने कहा कि उनकी जत्थेबंदी जंडियाला गुरु रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर धरना देगी। किसी भी यात्री ट्रेन को गुजरने नहीं दिया जाएगा।
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November 26, 2020 at 04:57AM
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