Amazon

Wednesday, December 30, 2020

कोरोनाकाल में सकारात्मक बदलाव की ओर बढ़े लुधियानवी

कोरोनाकाल संकट के साथ रचनात्मक बदलाव भी लेकर आया। जिले में शिक्षा, चिकित्सा के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर भी बहुत से आधुनिक बदलाव हुए। वहीं, नैतिक मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में भी समाज को बहुत कुछ सीखने को मिला। जिसने लोगों को संकट से उबरने की आत्मिक ऊर्जा के साथ मानसिक रूप से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। साल भर के दौरान महज तीन शुरुआती महीनों में सामान्य जीवन जी रहे

लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए। जब कुछ हालात सुधरे तो लोग घरों से बाहर निकले तो कारोबार, नौकरी, पढ़ाई जैसी जरूरी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए एक नया रास्ता तैयार किया। जो कोरोनाकाल में गंभीर संकट के दौरान सकारात्मक सोच की वजह से ही बन पाया था। इसके चलते नई राहें भी तैयार हो पाईं।

2.32 लाख बच्चे ऑनलाइन स्टडी से जुड़े

कोरोना काल में सरकारी स्कूलों के 2.32 लाख बच्चे ऑनलाइन स्टडी से जुड़े। सरकारी स्कूलों के छठी से 10वीं के 116517 और पहली से पांचवीं के 116283 स्टूडेंट्स ने आनलाइन एग्जाम दिए।
112 स्मार्ट स्कूल किए तैयार। 22 सीसे स्कूलों को स्मार्ट स्कूल किया गया घोषित। 38 प्राइमरी स्कूलों को मिले 267 टेबलेट।

वर्चुअल पेरेंट्स टीचर मीटिंग (पीटीएम) में 1523 सरकारी स्कूलों के पेरेंट्स जुड़े। 55 आर्ट्स यूजी, बीएड कॉलेज और पीजी कॉलेज, 25 इंजीनियरिंग, फार्मेसी, मैनेजमेंट और आर्किटेक्चर से संबंधित कॉलेजिस। हजारों स्टूडेंट्स ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़े।

होजरी व टैक्सटाइल इंडस्ट्री: देश के 70 फीसदी गर्म कपड़े हम बना रहे, 14 हजार कुल यूनिट्स, 100 फीसदी अॉटोमेटेड। कोविड के दौरान 60 फीसदी पॉलीस्टर और पॉलीस्टर स्पेंडिक्स बेस्ड फैब्रिक्स यहीं पर बन रहे हैं।
ऑटो ट्रैक्टर पार्ट्स: कोविड में बढ़ा उत्पादन। यूरोप और अमेरिका में एक्सपोर्ट होने वाले सामान का सबसे ज्यादा योगदान यहीं का।
साइकिल इंडस्ट्री: कोविड के दौरान फैट बाइसाइकिल का निर्माण यहीं हुआ शुरु।

मिंक ब्लैंकेट: कोविड से पहले 60 फीसदी यहां होते थे तैयार, कोविड के दौरान 100 फीसदी यहीं पर हो रहे तैयार। {12 इंडस्ट्रियलिस्ट ने सिविल हॉस्पिटल में कोविड के दौरान 70 फीसदी मेडिकल स्टाफ की कमी पूरी करवाई और 65 वॉलंटियर्स को 4 माह तक रोजगार दिया। पॉजिटिव मरीजों की डाइट का सारा खर्चा एनजीओ अन्न जल द्वारा उठाया गया। पीपीई किट से लेकर डेड बॉडी कवर तक भी विभिन्न एनजीओ द्वारा दान दिए गए।
5 लाख ों को रोजाना लंगर, राशन उपलब्ध कराया। राधा स्वामी सत्संग व्यास के हंबड़ां रोड स्थित सेंटर में रोजाना 1.40 लाख लोगों के लिए लंगर बना।
लॉकडाउन में 3500 यूनिट्स ब्लड डोनेशन हुआ।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Ludhianvi moved towards a positive change in the coronary

https://ift.tt/3nZMVGR
December 30, 2020 at 04:47AM

No comments:

Post a Comment