करीब पौने दो साल पहले नजदीकी गांव इस्सेवाल में गैंगरेप की घटना लोग भले ही भूल गए हों, लेकिन पीड़ित युवती अब भी दोहरी यातना झेल रही है। जिस्मानी ही नहीं, दिमागी तौर पर गहरे जख्म उसको चैन से सोने तक नहीं देते हैं। इतने गंभीर मामले के मुख्य आरोपी जगरूप सिंह उर्फ रूपी की जमानत मंजूर होने से उसके जख्म फिर ताजा हो गए।
गौर हो कि सेशन कोर्ट से जमानत याचिका रद्द होने के बाद गत दिवस मुख्य आरोपी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। इसके बाद पुलिस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में जुट गई है। सोमवार को जगराओं के एसएसपी चरणजीत सिंह सोहल ने संबंधित डीएसपी के अलावा चंडीगढ़ में बड़े अफसरों से इस मामले में मीटिंग की। करीब एक घंटे की मीटिंग में हर पहलू पर बातचीत हुई। बकौल एसएसपी, मामले में कुल 59 में से 25 की गवाहियां हो चुकी हैं। फिलहाल मामले को री-एक्जामिन किया जा रहा है।
पीड़िता बोली : टूट गई हूं, मगर आखिरी दम तक नहीं मानूंगी हार
हादसे के बाद मैं इतनी खौफजदा रहने लगी कि घर की गली के मोड़ तक जाते किसी भी शख्स को देख डर जाती और वहीं काली रात याद आ जाती थी। आरोपियों के परिजन व जानकार घर आकर धमकाते थे। लिहाजा हादसे से बर्दाश्त न होेने वाली मानसिक तकलीफ भी बनी रही। मेरी जिंदगी बर्बाद करने वाले को अब आसानी से जमानत मिलने से पूरी तरह टूट गई हूं।
छह महीने में केस के निपटारे का सीएम का वादा तो दूर पौने दो साल बाद भी इंसाफ पाने को भटक रही हूं। तब मंत्री, नेता व पुलिस अफसर बेटी बोलते थे, अब कोई पूछने तक नहीं आता है। मेरी मां बताती है कि कई बार सोते हुए मैं खुद को किसी से छुड़ाने की कोशिश करती हूं। सोचा था कि छह महीने एक कोर्स कर जॉब करके घर चलाऊंगी। उस दरिंदे को जमानत मिलने से मेरी लौटती हिम्मत खत्म हो गई। बेशक, जमानत के फैसले से मैं टूटी हूं, मगर हारूंगी नहीं। आखिर दम तक लड़ूंगी। -(जैसा पीड़िता ने बताया)
ये था मामला: 9 फरवरी 2019 को हुआ था गैंगरेप
इस्सेवाल के पास 9 फरवरी 2019 को एक युवक को बंधक बना उसकी गर्लफ्रेंड से कई आरोपियों ने रेप किया था। थाना मुल्लांपुर में केस दर्ज कर आरोपी जगरूप सिंह रुपी, सादिक अली, अजय उर्फ बृजनंदन, सैफ अली, सुरमू व एक अन्य युवक को जेल भेजा था। एक आरोपी द्वारा खुद को नाबालिग बताने का दावा अदालत ने खारिज कर दिया था। पुलिस 450 पेज का चालान पेश कर चुकी है।59 में से 25 गवाहों के हुए बयान : यह मामला एडिशनल सेशन जज रश्मि शर्मा की अदालत में चल रहा है। इसमें कुल 59 में से 25 गवाहियां हो चुकी हैं। वहीं दो लोग गवाही से मुकर चुके हैं। जबकि 26वीं गवाह महिला एसआई की क्रॉस एक्जामिनेशन होनी है। मामले की अगली सुनवाई चार जनवरी को है।
अफसरों के सामने आरोपियों ने गवाह को धमकाया
मामले के मुख्य गवाह के अनुसार कोर्ट में पेशी के दौरान डीएसपी व एसएचओ के सामने आरोपियों ने उसे जानलेवा धमकी दी। हर तारीख पर धमकी की शिकायत पर भी एक्शन नहीं हुआ। आरोपियों के परिजनों ने जून 2019 में घर आकर धमकाया तो डीएसपी से शिकायत की। तब भी चार महीने टालमटोल के बाद डीआईजी से शिकायत की तो जांच एसआई के पास गई, फिर भी एक्शन नहीं हुआ। गवाह ने एडीजीपी को कॉल की, तब जाकर पुलिस ने नामालूम लोगों पर मामला दर्ज किया। अफसरों के सामने आरोपियों ने गवाह को धमकाया
रेप के आरोपियों को कभी जमानत नहीं मिलनी चाहिए। यूपी समेत कई जगह ऐसे मामले हुए हैं कि जमानत मिलने पर आरोपियों ने पीड़िता को ही जिंदा जला दिया। जबकि उनके परिवार को धमकियां दीं। इन मामलों में पुलिस शुरू में ही केस को कमजोर कर देती है, इसीलिए आरोपी बच जाते हैं। पीड़ित परिवार को हाईकोर्ट में बताना चाहिए कि आरोपियों ने क्या जुर्म किया है। वह सुप्रीम कोर्ट जाकर जमानत रद्द करवाएं। अगर मुख्य आरोपी की जमानत हुई है तो बाकी की तो आसानी से हो जाएगी। -जैसा दिल्ली गैंगरेप पी़ड़िता निर्भया की मां आशा देवी ने बताया
कई आरोपियों ने जमानत के बाद पीड़िता को जिंदा जलाया
रेप के आरोपियों को कभी जमानत नहीं मिलनी चाहिए। यूपी समेत कई जगह ऐसे मामले हुए हैं कि जमानत मिलने पर आरोपियों ने पीड़िता को ही जिंदा जला दिया। जबकि उनके परिवार को धमकियां दीं। इन मामलों में पुलिस शुरू में ही केस को कमजोर कर देती है, इसीलिए आरोपी बच जाते हैं। पीड़ित परिवार को हाईकोर्ट में बताना चाहिए कि आरोपियों ने क्या जुर्म किया है। वह सुप्रीम कोर्ट जाकर जमानत रद्द करवाएं। अगर मुख्य आरोपी की जमानत हुई है तो बाकी की तो आसानी से हो जाएगी। -जैसा दिल्ली गैंगरेप पी़ड़िता निर्भया की मां आशा देवी ने बताया
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December 29, 2020 at 04:49AM
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