लेदर कांप्लेक्स की इंडस्ट्री का 14 महीने का संघर्ष खत्म हो गया है। इन महीनों में चमड़ा रंगने वाले यूनिट बंद रहे, कारोबार चालू रखने के लिए सेमी फिनिश्ड लेदर (वैट ब्लू) दूसरे शहरों से खरीदना पड़ा था। अब लेदर इंडस्ट्री चमड़ा रंगाई की मशीनरी चालू कर सकेगी। लेदर कांप्लेक्स के एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) की वर्किंग पर पाॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की असंतुष्टि के बाद 29 अक्टूबर को सीलिंग के आदेश हुए थे। मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के डबल बैंच ने चमड़ा उद्योग को ट्रायल के तौर पर चलाने की आज्ञा दी है।
डाइंग ड्रम सील होने के बाद दूसरे शहरों से मंगवाना पड़ रहा था सेमीफीनिश्ड लेदर
लेदर कांप्लेक्स के प्लांट का संचालन इंडस्ट्री खुद करती है। पंजाब सरकार ने बड़ी सहायता की जब सरकार ने टैंक बनाने की सारी रकम खुद दी। निर्माण के टेंडर लगने से पहले 7 जनवरी को 1.45 करोड़ एलोकेट हो गए लेकिन कोरोना के कारण टैंक तैयार करने में देरी हुई है। लेदर इंडस्ट्री के लोग 23 दिसंबर को डीसी घनश्याम थोरी से मिलेंगे और ट्रीटमेंट प्लांट संचालन के लिए ऑपरेटर की नियुक्ति और अगले कानूनी प्रोसेस पर चर्चा होगी।
लेदर कांप्लेक्स इंडस्ट्री में दो तरह के कारखाने-यहां 2 तरह के कारखानों में पहला- जहां सेमी फिनिश्ड लेदर तैयार किया जाता है। यहां जानवरों की खाल को केमिकल का प्रोसेस करके पकाया जाता है। इसे कारोबारी भाषा में वैट ब्लू कहते हैं। ये प्रोसेस पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की सीलिंग के बाद बंद हो गया था। जालंधर की इंडस्ट्री वैट ब्लू लेदर कांप्लेक्स से बाहर की इंडस्ट्री और कानपुर-कोलकाता एवं विदेश से मंगवा रही थी। एक साल में लगभग 500 करोड़ का माल बाहर से मंगवाना पड़ा था। फिर इस सेमीफीनिश्ड माल आगे तैयार चमड़े में बदला जा रहा था।
अब सीलिंग खुलने के बाद वैट ब्लू जालंधर में ही तैयार होगा। सबसे बड़ी बात ये है कि नए ऑर्डर देने वाले ग्राहकों में पाॅजिटिव भावना आएगी कि अब किसी प्रकार की रोक नहीं रही। उधर, इंडस्ट्री संचालकों के संगठन के प्रेसिडेंट हीरा लाल ने कहा कि इंडस्ट्री अब सीलिंग हटने के बाद काम चालू करने को लेकर तैयारी कर रही है। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान हीरा लाल वर्मा, अजय शर्मा, स्टीवन कलेर, दीपक चावला और रवि कुमार शामिल रहे।
डीसी घनश्याम थोरी के एफिडेविट पर मिली राहत... डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में पंजाब एफ्लूएंट ट्रीटमेंट सोसायटी फॉर टैनरीज के चेयरमैन के तौर पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक एफीडेविट दिया। उन्होंने कहा कि लेदर कांप्लेक्स के एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट में 1.45 करोड़ रुपए की लागत से एक डेल्यूशन टैंक बनाया है। इस टैंक को चालू करके वातावरण संबंधी मानक पूरे होंगे। लेदर इंडस्ट्री पर वातावरण संरक्षण के मामले में चल रही जनहित याचिका के केस में अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी।
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December 23, 2020 at 04:30AM
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