कृषि कानून को 26 नवंबर से चल रहे किसान आंदोलन के चलते चलते दिल्ली रुट पूरी तरह से बंद है। पंजाब रोडवेज की तरफ से भी दो दिन तक दिल्ली-हरियाणा रूट को बंद रखा गया है और अब भी पंजाब रोडवेज की बसें सिर्फ पानीपत तक ही चल रही हैं, लेकिन इन सब के बावजूद शहर से अवैध रूप से बसें चल रही हैं, लेकिन इन सब के बावजूद शहर से अवैध रूप से बसें चल रही हैं। बस स्टैंड के बाहर, पीएपी चौक, रामामंडी चौक, गढ़ा रोड़ से अवैध रूप से चलने वाले स्लीपर कोच अभी भी यात्रियों को 2500 से 3000 रुपए में दिल्ली तक का सफर करवा रहे हैं और बिहार के लिए भी लगातार बसें चल रही हैं।
स्लीपर कोच बसों के अंदर एक केबिन में 3-3 पैसेंजर्स को करवाया जा रहा सफर, रुपये 2500 तक ले रहे किराया
गौर करने वाली बात यह है कि जब पंजाब रोडवेज की सरकारी बसें बंद हैं तो फिर यह अवैध रूप से ये स्लीपर कोच कैसे चल रहे हैं? पंजाब रोडवेज की यूनियन ने बताया कि अवैध रूप से चलने वाले ये स्लीपर कोच पंजाब सरकार को सबसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह अवैध स्लीपर कोच शंभू बॉर्डर से पहले ही गांवों से होते हुए हरियाणा क्रॉस कर दिल्ली के बाहरी इलाकों में यात्रियों को छोड़ रहे हैं। ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से
शुरू न होने और पंजाब रोडवेज की सरकारी बसें बंद होने से यह अवैध स्लीपर कोच जो पहले करीब 1 हजार रुपए से 1500 रुपए तक यात्रियों को दिल्ली का सफर करवाते थे, वे अब यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। दिल्ली के बाहरी इलाकों में ही इन यात्रियों को उतार दिया जाता है, जालंधर से दिल्ली करीब 8 घंटे के बस के सफर को यह स्लीपर कोच 12 से 15 घंटे में गांवों के रास्ते पूरा कर रहे हैं। इसके साथ यात्रियों की जिंदगी से भी खिलवाड़ किया जा रहा है।
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December 04, 2020 at 04:42AM
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