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Friday, December 4, 2020

4 साल पहले बनाया फर्जी आरटीए हाईवे गैंग, कांस्टेबल बनता था हरिंदरपाल सुक्खा जूनियर अफसर, पकड़े जाने के बाद बरामद हुई थी पुलिस की वर्दी

एसबीएस नगर में कीज होटल के मालिक और प्रॉपर्टी डीलर पंकज गुप्ता के ढाई वर्षीय बेटे विनम्र को अगवा करने वाले ड्राइवर हरिंदरपाल सिंह ने 3 साल पहले फर्जी आरटीए हाईवे गैंग बना कई वारदातें की। आरोपी सूरतगढ़ सदर थाने में 2017 में पकड़े गए, तब गिरोह का पर्दाफाश हुआ। उधर, आरोपियों की इस्तेमाल की पोलो गाड़ी से पर्स बरामद हुआ। इसमें हरिंदरपाल की पुलिस की वर्दी में फोटो और आईकार्ड की कलर फोटो कॉपी मिली है। पता चला है कि पोलो कार चोरी की है और इस पर प्लेटिना का नंबर लगा था।

पुलिस ने आरोपी हरिंदर, सुखदेव और लाल सिंह की लोकेशन ट्रेस की, जोकि फाजिल्का के बाद बंद हो गई। सीपी राकेश अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों से वर्दियां नहीं मिली है। उन्होंने 2017 में और इससे पहले इसका इस्तेमाल किया था। वहीं, एसएचओ सूरतगढ़ प्रमोद कुमार ने बताया कि आरोपी फर्जी आरटीए मुलाजिम बन गिरोह चला रहे थे, 2018 में उन्हें गिरफ्तार किया था।

अपहरण में इस्तेमाल की थी चोरी की पोलो कार, लगा रखा था प्लेटिना का नंबर

जांच में पता चला कि 2016 में हरिंदरपाल ने कांस्टेबल के आईकार्ड को स्कैन करवातस्वीर चिपकाने के बाद फर्जी आईकार्ड तैयार करवाया था। उसे दिखाकर उसने लुधियाना में दुकान से पुलिस की वर्दी खरीदी थी। फिर लाल सिंह के जरिए वो सुखदेव सिंह सुक्खा से मिला। हरिंदर ने सुक्खा से मिल गिरोह बनाया। इसमें बलविंदर सिंह, इकबाल सिंह, राज किरण उर्फ बुल्ला, कुलविंदर सिंह और भजन लाल उर्फ तोती को अपने साथ

मिलाया। इसके बाद हाईवे पर फर्जी नाके लगाकर लूटपाट शुरू कर दी। इसमें सुखदेव आरटीए का जूनियर अफसर बनता था और हरिंदर पुलिस की वर्दी में गनमैन, मगर वारदातें छोटी होने की वजह से कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ। वहीं, दिसंबर 2017 में आरोपियों ने श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ सदर थाने के अधीन 725 चावलों के बोरों का ट्रॉला लूटा और उसके ड्राइवर को बंधक बना 17 हजार रुपए लूटे थे, तब आरोपियों ने इनोवा-क्रूज का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने 2018 में मामले में पुलिस ने फुटेज को खंगाल लुधियाना से हरिंदर और फिर बाकी आरोपियों को गिरफ्तार किया था, तब पुलिस की वर्दी मिली थी।

वेश बदलने में माहिर मुख्यारोपी, 10 साल में 4 पर्चे दर्ज

हरिंदरपाल पेशेवर अपराधी है। अपहरण के बाद हत्या के मामले के बाद उसपर 4 पर्चे दर्ज हुए। इसमें डकैती, लूट के मामले शामिल थे। इनमें पुलिस ने जब भी आरोपी को पकड़ा तो उसने हुलिया बदल लिया। कभी दाढ़ी बढ़ाई, कभी पगड़ीधारी बना तो कभी लंबी मूंछें रखीं। जब डकैती के मामले में उसे पकड़ा, तब वो क्लीनशेव मिला था। इस बार भी पुलिस को शक है कि वो अपना हुलिया बदल लेगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक लुधियाना में वारदात के बाद मोगा-फिरोजपुर रोड पर बच्चे को गाड़ी में छोड़कर आरोपी फरार हो गए।

सुबह से रात तक वो पंजाब में ही रहे, क्योंकि पड़ताल के दौरान पता चला कि उन्होंने फाजिल्का के नजदीक हाईवे पर एक ढाबे पर खाना खाया था। ढाबा मालिक से भी पूछताछ की गई, लेकिन ये पता नहीं चला कि वो तीनों किसी गाड़ी पर आए थे या फिर ट्रक व बस में। पुलिस को पता चला है कि आरोपियों में से एक ने अपने रिश्तेदार के साथ फोन पर बात की थी, लेकिन वो कौन है, वो किसका रिश्तेदार है, उसे ट्रेस करने के

लिए पुलिस ने सभी के 52 रिश्तेदारों की कॉल को ट्रेसिंग पर लगाया है। उससे पुलिस को आरोपियों के फाजिल्का के नजदीक होने का पता चला था। पुलिस ने उन सभी के घरों की तलाशी भी ली, लेकिन वहां से उनके दस्तावेजों के अलावा कुछ नहीं मिला।

रुकने के लिए जानकार पुलिस मुलाजिम से मांगी थी कोठी, नहीं मिली तो खेतों में छिपा

आरोपी पूर्व सरपंच रछपाल सिंह को वीरवार को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से उसे 5 दिन रिमांड पर लिया गया है। पुलिस की 5 टीमें मोगा, फाजिल्का और जीरा में लगातार रेड कर रही हैं। जांच में पता चला है कि आरोपी लाल पूर्व सरपंच रछपाल का बड़ा भाई है। हरिंदर और लाल सिंह ने किडनैपिंग के बाद 14 नंबरों पर कॉल की। उन्होंने मोगा पहुंचने पर पहले 3 बार घर जाकर वहां शरण लेने की कोशिश की। मगर रिश्तेदारों ने मना कर भगा दिया। फिर अपने जानकार पुलिस मुलाजिम को झूठ बोल एक रात के लिए मोगा में बंद पड़ी उसकी कोठी देने के लिए कहा। उसने कहा कि वह दोस्तों के साथ पार्टी करना चाहता

है, लेकिन मुलाजिम ने उसे मना कर दिया। आरोपियों को पता चल चुका था कि पुलिस उन्हें लगातार ट्रेस कर रही है। हरिंदर ने ड्राइवर दोस्त को 4 बार फोन कर कार उधार मांगी, लेकिन नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने कार बदलने की सोची। लाल ने भाई रछपाल को दो बार कॉल कर घर से पोलो कार उठाकर लाने को कहा। रछपाल कार लेकर पहुंचा। लाल सिंह ने उससे कार लेकर उसे घर भेज दिया। वह स्विफ्ट सड़क पर छोड़ गए। कहीं भी छिपने की जगह न मिलने पर वह कार पूरी रात सड़कों पर घुमाते रहे। फिर एक खेत में जाकर खड़े हो गए।

20 लोग उठाए तो मिला सुराग
पुलिस हरिंदर की हर कॉल ट्रेस कर रही थी। आरोपी हरिंदरपाल ने विनम्र को किडनैप करने के बाद पहले एसबीएस नगर, माणकवाल, फिर शहीद भगत सिंह नगर धांधरां रोड और फिर फिरोजपुर रोड से होते हुए मोगा की तरफ फरार हो गया। उसने जिस जिस को फोन किया, पुलिस टीमें तुरंत उनका पता निकाल लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करती रही। उनसे आरोपियों का सुराग मिलता रहा और इसी तरह रछपाल को फोन करने पर पुलिस उसके पास पहुंची, लेकिन वह पुलिस देख घर से कूदकर भाग निकला। पुलिस ने एक घंटे की मशक्कत के बाद उसे काबू किया।



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Fake RTA highway gang, formed 4 years ago, used to be constable Harinderpal Sukkha Junior officer, police uniform was recovered after being caught

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December 04, 2020 at 04:55AM

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