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Friday, December 4, 2020

स्कूल का रिजल्ट न बिगड़े, कई स्टूडेंट्स के एग्जाम तक टीचर्स ने दिए,ऑनलाइन पढ़ाई का सच

रागिनी कौशल| एजुकेशन डिपार्टमेंट छठी से 10वीं तक के स्टूडेंट्स की ऑनलाइन पढ़ाई के दावे कर रहा है। इनकी जमीनी हकीकत कुछ और है, जोकि हाल ही में सरकारी-एडेड स्कूलों के लिए पंजाब अचीवमेंट सर्वे के नतीजों में देखने को मिली है। इसमें विषय अनुसार ऑनलाइन एग्जाम में संतोषजनक नतीजे नहीं मिल सके हैं। टीचर्स के मुताबिक गरीब तबके से जुड़े बच्चे ऑनलाइन स्टडी नहीं कर पा रहे।

हर क्लास में ऐसे 50% से भी ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। छठी के स्टूडेंट्स अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान के सवालों के जवाब नहीं दे पाए। यही नहीं गणित के दशमलव संख्या का स्थान मूल्य, ज्योमेट्री के सवालों का सही जवाब भी नहीं दे पाए। यहां तक कि कुछ सवाल ऐसे रहे, जिनमें सही जवाब देने वालों से भी ज्यादा गलत जवाब देने वाले पाए गए। टीचर्स के मुताबिक कई बच्चों के एग्जाम तक उन्होंने खुद दिए, ताकि स्कूल का रिजल्ट न

बिगड़े। जमीनी स्तर पर देखा जाए तो बच्चों को इस ऑनलाइन स्टडी से कोई फायदा नहीं हो रहा है। अहम विषयों में ही बेसिक जानकारी तक बच्चों की क्लियर नहीं हो पा रही है। नई क्लासों में आए स्टूडेंट्स की शक्ल तक टीचर्स को पता नहीं।

दशमलव संख्या के स्थान मूल्य का 1 लाख ने दिया गलत जवाब

छठी में अमृतसर, बठिंडा, जालंधर, लुधियाना और पटियाला में से सबसे ज्यादा गलत जवाब बठिंडा के स्टूडेंट्स ने दिए। बठिंडा के बच्चों ने गणित में 7, सामाजिक विज्ञान में 6, विज्ञान में 3, इंग्लिश में 3 सवालों के सबसे ज्यादा गलत जवाब दिए। अमृतसर में गणित विषय में चार सवालों, जालंधर व लुधियाना के बच्चों ने 3, पटियाला के 5 सवालों के गलत जवाब दिए। सामाजिक विज्ञान में लुधियाना के बच्चों ने 7 सवालों के, पटियाला के बच्चों ने 4 सवालों के गलत जवाब दिए। इन सभी विषयों में सही जवाब देने वालों की संख्या गलत से कम रही।

छठी में गणित के विषय में दशमलव संख्या के स्थान मूल्य के सूबेभर के 1 लाख बच्चों ने गलत जवाब दिया। 110488 बच्चों का जवाब गलत रहा। इसी तरह आयाम के सवाल का भी सूबेभर के 116163 बच्चों ने गलत जवाब दिया। जबकि सही जवाब देने वालों की संख्या कम रही। ज्योमेट्री से जुड़े सवालों के भी बच्चे सही जवाब नहीं दे पाए।

सामाजिक विज्ञान के भूगोल से जुड़े सवालों के सही जवाब बच्चे नहीं दे पाए। पृथ्वी की गति से जुड़े सवाल के सूबे के 149754 बच्चों ने गलत जवाब दिया। युग के बारे में पूछे गए सवाल का सिर्फ 85106 ही बच्चे सही जवाब दे पाए। वहीं, 7वीं के गणित में पूछे गए भाग के सवालों का सही जवाब भी जिले के 14 हजार 950 स्टूडेंट्स सही जवाब नहीं दे पाए। सूबे के 60% स्टूडेंट्स ने इसका गलत जवाब दिया। वहीं, सामाजिक विज्ञान, पंजाबी, साइंस, इंग्लिश में भी जिले के हजारों बच्चों ने 3-4 सवालों के गलत जवाब दिए। 8वीं में विज्ञान में गैस के बारे में पूछे गए सवाल का जिले के 19 हजार में से 12777 स्टूडेंट्स ने गलत जवाब दिया।

ऑनलाइन पढ़ाई समझने में दिक्कत

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 50% से भी ज्यादा बच्चों के पास फोन नहीं है। अच्छे रिजल्ट देने के लिए टीचर्स पर दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन उन्हें आ रही समस्याओं का हल बताने के लिए काम नहीं किया जा रहा। इससे शिक्षा का स्तर ऊंचा नहीं हो रहा। बल्कि नुकसान हो रहा है। इसके बारे में महकमे को गहनता से विचार करने की जरूरत है।
-अनूप पासी, पूर्व प्रिंसिपल



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The school's result did not deteriorate, teachers gave the exam to many students, the truth of online education

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December 04, 2020 at 05:07AM

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