कृषि कानूनों के विरोध में गांव-गांव में किसानों-मजदूरों में रोष बढ़ रहा है, जबकि अब हर आम नागरिक किसानों के समर्थन में मैदान में उतर आया है। सोमवार को अजनाला ब्लॉक से 50 किसानों का जत्था भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां की अगुवाई में ‘जो बोले सो निहाल...’ जयकारों के बीच दिल्ली रवाना हुआ और उन्होंने कहा, ‘इधर तुम सजाते ही रहना नए काफिले...’ वहीं, जत्थे को रास्ते में कुछ लोगों ने 60 बिस्तर दिए। 25 दिसंबर को आंदोलन में जाने वाले जत्थे की तैयारियों के लिए गांव-गांव में किसान संघर्ष कमेटी सरगर्म हैं।
ब्लॉक अजनाला के महासचिव जसपाल सिंह धंगाई ने बताया कि यहां से हर 4-5 दिन बाद जत्था रवाना हो रहा है। अगर 20 लोग वापस आते हैं तो तुरंत 50 लोगों का काफिला चला जाता है। आंदोलन काे ठंडा नहीं पड़ने दिया जाएगा, जबकि सरकार के झुकने तक सिलसिला जारी रहेगा। कमेटी के प्रवक्ता बाबा गुरबचन सिंह चब्बा ने बताया कि दूसरा जत्था 25 दिसंबर को जाएगा और उसमें अमृतसर, तरनतारन के अलावा गुरदासपुर, पठानकोट जिलों के किसान भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि पहले के मुकाबले यह जत्था 3 गुना बड़ा होगा, जबकि इसके लिए सूबे के 700 गांवों में बैठकें जारी हैं। वहीं, जंडियाला गुरु में ‘रेल रोको’ आंदोलन 89 दिन से चल रहा है।
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December 22, 2020 at 05:14AM
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