किसानी आंदोलन को लेकर फाजिल्का जिले के किसान दल्ली कूच कर चुके हैं तो पीछे से घर के चूल्हे-चौके के साथ महिलाएं अब खेतों के हर छोटे-बड़े काम की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं। फाजिल्का के गांव बेगांवाली के किसान नेता अश्वनी कुमार की धर्मपत्नी कमला देवी का कहना है कि जब उनके पति किसानों की मांगों को लेकर दिल्ली गए हुए हैं तो पीछे से घर के कामों के साथ-साथ खेतों की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर आ चुकी है फिर चाहे खाल की सफाई का काम हो या खेतों में खाद डालने या स्प्रे करने का काम हो या फिर चारे को काटकर पशुओं को डालने इत्यादि का सारा काम बखूबी संभाल रही हैं तथा इस कार्य में वो गांव की अकेली ऐसी महिला नहीं है बल्कि गांव की चंदो देवी, दुर्गा देवी व पार्वती देवी भी ऐसी महिलाएं हैं जो घर के साथ-साथ खेतों की सांभ-संभाल भी बखूबी निभा रही हैं।
कबूलशाह गांव से किसानों का जत्था रवाना
इसी प्रकार फाजिल्का के गांव कबूलशाह से भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धूपुर) के किसानों का एक जत्था आज गांव से दिल्ली के लिए रवाना हुआ। उक्त जत्थे में युवाओं के साथ-साथ बुजुर्ग भी शामिल हैं जिनका यह कहना है कि अगर दिल्ली से किसी काम के लिए अगर कोई एक किसान वापस लौटेगा तो उसके बदले में दो किसान फाजिल्का जिले से रवाना होंगे।
गांव के अध्यक्ष कुलदीप दहिया का कहना है कि उक्त जत्थे में जा रहे बुजुर्गों के साथ जरूरत का हर सामान भेजा जा रहा है जबकि उन्होंने गांव-गांव जाकर जरूरत की वस्तुएं व धनराशि भी एकत्रित करनी शुरू कर दी है क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें अपने हक प्राप्त करने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) की आजमवाला की इकाई ने सिंधू बार्डर पर प्रात: लंगर बनाने की सेवा संभाल रखी है। इसके अतिरिक्त दिल्ली के टिकरी बार्डर पर भी फाजिल्का के किसान मोर्चा संभाले हुए हैं। वहीं दूसरी ओर फाजिल्का पक्का चिश्ती से भी किसानों का एक जत्था भी आज दिल्ली के लिए रवाना हुआ।
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December 03, 2020 at 04:00AM
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