(दिनेश वर्मा) नगर निगम हद में हर साल नई सड़कें बनती हैं और ये हर बारिश में टूट भी जाती हैं, क्योंकि निगम के अफसर और काॅन्ट्रेक्टरों की मिलीभगत से सड़क बनाते समय मैटीरियल पूरा इस्तेमाल नहीं किया जाता है। भास्कर ने नई बनाई जा रही सड़कों में कम मैटीरियल का इस्तेमाल करके निर्माण करने का मुद्दा उठाया था। तीन कैटेगिरी में बनी सात सड़कों की सैंपलिंग के बाद जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सड़क बनाते समय 10 से 40 फीसदी तक लुक कम डाली गई है। बताया जा रहा है कि इन सड़कों को बनाने में करीब 3 करोड़ की लागत आई है।
ऐसे में जो नई सड़क पांच साल चलने की गारंटी रखती है, वो कम लुक के कारण बारिश का सीजन कैसे निकाल पाएंगी। बता दें कि निगम के एडिशनल कमिश्नर ऋषिपाल की अगुवाई में काम कर रही स्पेशल जांच टीम ने साल 2019-20 के 17 अलग-अलग कामों में से 15 नई सड़कों के सैंपल लिए थे। इनमें से 7 सड़कों की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सड़क बनाते समय कम लुक डाली गई है। निगम के एडिशनल कमिश्नर ने इसकी पुष्टि की है। सभी सैंपलों की जांच जीएनई काॅलेज से करवाई गई है।
तीन केटेगरी में बनती हैं लुक वाली सड़कें
एक्सपर्ट ने बताया कि तीन केटेगरी में लुक वाली सड़कें बनती हैं। इनमें पीसी-प्रीमिक्स कारपेट, बीएम-बिटुमिनम मकैडम और एसडीबीसी-सैमीडेंस बिटुमिनम कंक्रीट। निगम इन तीनों केटेगरी में अलग-अलग टैंडर लगाता है। पीसी में छोटे बजरी के दाने होते हैं, जबकि रेत मिक्स नहीं होती है। इस केटेगरी में सड़क बनने के बाद सील कोट किया जाता है। एसडीबीसी केटेगरी में बजरी का दाना और रेत मिक्स होती है। जबकि बीएम मोटा बजरी का दाना होता है।
इन सात इलाकों की सड़कों के सैंपल हुए फेल
- वाॅर्ड-91 में चंद्र नगर में बिटुमिनम मकैडम-बीएम लुक वाली 34 लाख में सड़क का वर्क ऑर्डर जारी हुआ है। बीएम का कोड 3.4 प्रतिशत तय है, लेकिन सैंपलिंग में क्वालिटी 2.2 प्रतिशत आई है। यानि 35% कम लुक का इस्तेमाल हुई।
- वार्ड-6 के अधीन गुरु विहार में भी बिटुमिनम मकैडम-बीएम लुक वाली सड़क बनी। 3.4 प्रतिशत की जगह सिर्फ 2 प्रतिशत ही लुक डाली गई। यहां पर 40% तक कम लुक पाई गई है।
- वाॅर्ड नंबर-5 की आमंत्रण काॅलोनी समेत अन्य सड़कों का वर्क ऑर्डर 74 लाख का जारी हुआ था। यहां भी बिटुमिनम मकैडम-बीएम लुक वाली सड़क बनी है। सैंपल क्वालिटी 3.4 की जगह 3 प्रतिशत पाई गई है, यानि लुक 10 प्रतिशत कम है।
- जोन-ए के अधीन बाल सिंह नगर में पीसी-प्रीमिक्स कारपेट लुक वाली सड़क बनाई है। सैंपल क्वालिटी 3.5 प्रतिशत की जगह 2.6 फीसदी पाई गई। यानि यहां पर 25 फीसदी कम लुक डाली गई है, जबकि 63 लाख का वर्क आॅर्डर जारी हुआ था।
- वाॅर्ड नंबर-26 के अधीन अशोक नगर की एक सड़क एसडीबीसी केटेगरी की बनी है। इसकी गुणवत्ता का कोड 5 प्रतिशत है, जबकि जांच रिपोर्ट में 4 प्रतिशत पाया गया, यानि यहां पर 20 प्रतिशत कम लुक का इस्तेमाल किया गया है। जबकि सड़क बनाने में करीब 22 लाख की लागत आई है।
- वाॅर्ड-43 में करीब 54 लाख में अलग-अलग सड़कों का वर्क ऑर्डर जारी हुआ है। उन्हीं में से हिम्मत सिंह नगर वाली सड़क का सैंपल लिया गया है। बिटुमिनम मकैडम-बीएम केटेगरी की सड़क की 2.6 प्रतिशत ही गुणवत्ता पाई गई है, यानि 25 प्रतिशत कम लुक का इस्तेमाल हुआ है।
- वाॅर्ड नंबर-37 में करतार चौक रोड का सैंपल लिया गया था, इसमें ग्रेडेशन टेस्ट फेल पाया गया है, यानि बिटुमिनम मकैडम-बीएम केटेगरी की लुक वाली सड़क को सही क्वालिटी में नहीं बनाया है।
नई सड़कों की सैंपलिंग इसी तरह जारी रहेगी। जिन सात सड़कों के सैंपल फेल होने की रिपोर्ट आई है, उन काॅन्ट्रेक्टरों को अभी पेमेंट नहीं दी गई है। विभागीय तौर पर इन पर जो भी कार्रवाई बनती है वो की जाएगी। -ऋषिपाल सिंह, एडिशनल कमिश्नर, नगर निगम
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July 28, 2020 at 04:41AM
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