हाल ही में जिले के तीन स्कूलों को शिक्षा विभाग द्वारा बेस्ट स्कूल अवॉर्ड से नवाजा गया है। इन स्कूलों को इनके द्वारा किए गए विकास, अच्छे रिजल्ट्स और एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में किए गए कार्यों के लिए 90 हजार से लेकर 2 लाख तक की इनाम राशि दी गई है। जिसका इस्तेमाल स्कूल के विकास के लिए किया जाएगा। लुधियाना के अध्यापकों द्वारा लगातार मेहनत कर और गांव वालों और दानी सज्जनों की मदद से सेल्फ मेड स्मार्ट स्कूल तैयार किए गए हैं। अध्यापकों द्वारा किए जा रहे इसी विकास कार्य के चलते उन्हें प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
10 माह में किया कायाकल्प
गवर्नमेंट सीसे स्कूल कर्मसर की प्रिंसिपल गुरमीत कौर ने बताया कि उन्होंने इस स्कूल में प्रिंसिपल के तौर पर सितंबर 2019 में जॉइन किया था। स्कूल को संत इशर सिंह द्वारा ई शेप में तैयार किया गया था। लेकिन स्कूल का रखरखाव सही न होने के कारण स्कूल जर्जर हालत में था। स्कूल की दीवार टूट गई और कमरों में सांप तक आ जाते थे।
दो महीने बाद डॉ. गुरजीत सिंह मदद के लिए आगे और स्कूल की दीवार दिसंबर की छुट्टियों में बनवा दी। इसके बाद हर्बल गार्डन, मैथ्स पार्क भी तैयार किए। स्पोर्ट्स, लिटरेरी और अकेडेमिक्स में स्टूडेंट्स अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी 350 स्टूडेंट्स स्कूल में पढ़ रहे हैं। 2.27 लाख की ग्रांट से स्कूल के ग्राउंड को पक्का, बास्केटबॉल कोर्ट भी तैयार करवाई जाएगी।
बच्चों के लिए बनवाई नई बिल्डिंग
गवर्नमेंट मिडिल स्कूल कुलार को भी बेस्ट स्कूल अवॉर्ड मिला है। हेड भुपिंदर सिंह ने बताया कि स्कूल की बिल्डिंग को गांव की पंचायत ने तैयार करवाया गया था। सरपंच हरजीत सिंह ने बताया कि हमारे गांव के बच्चे जस्सोवाल पढ़ाई करने के लिए जाते थे। इसलिए हमने नई बिल्डिंग बनवाई, रंग करवाया, साफ सफाई सारी करवाई।
हेड टीचर नहीं फिर भी बना बेस्ट स्कूल
गवर्नमेंट हाई स्कूल बाबरपुर सेल्फ मेड स्मार्ट स्कूल की सूची में शामिल है। स्कूल का रिजल्ट 100 फीसदी रहता है। इंचार्ज हरदेव सिंह ने बताया कि स्कूल में हेड टीचर की पोस्ट खाली होने के बावजूद भी स्कूल टीचर्स द्वारा मिल कर काम किया जा रहा है। टीचर्स अपनी मेहनत से अच्छा रिजल्ट हासिल कर रहे हैं।
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July 27, 2020 at 05:08AM
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