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Thursday, December 3, 2020

आज 11 से 12:30 तक ‘मुझे मेरा हक दो’ हैशटैग के साथ सीएम, मंत्रियों तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे दिव्यांग

देश की राजधानी दिल्ली में यदि कोई दिव्यांग इंटरनेशनल ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतता है ताे उसे 1 कराेड़ और पड़ाेसी राज्य हरियाणा में 50 लाख रुपए सरकार के द्वारा दिए जाते हैं, वहीं पंजाब सरकार की अनदेखी के चलते दिव्यांगजन काे काेई खास राहत नहीं मिल पा रही है। इससे नाराज सूबे के दिव्यांग और उनके परिजन वीरवार को अपने हक के लिए दोपहर 11 बजे से 12.30 बजे तक ‘मुझे मेरा हक दो’ हैशटैग के साथ सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और सभी मंत्रियों को ट्वीट करेंगे कि ‘सरकार स्पोर्ट्स कल्चरल और ट्रांसपोर्ट हाउसिंग के लिए समावेशी नीतियां बनाएं और सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाए।’

राज्य में करीब 12 लाख से अधिक दिव्यांग और उनके परिजनों की संख्या है। ज्यादातर दिव्यांग परिवारों के पास हाईटेक मोबाइल नहीं है, इस वजह से करीब 50 हजार लोग विश्व दिव्यंगता दिवस पर सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपनी आवाज को बुलंद करेंगे। राज्य में डिसएबल्ड बच्चों के लिए काम कर रही स्टेट एडवाइजरी बोर्ड के सीनियर मेंबर अमरजीत सिंह आनंद का कहना है कि 2016 में आरपीडीडब्ल्यू एक्ट आया था। इस एक्ट को तीन साल में पंजाब सरकार को लागू करना था, जिससे कि दिव्यांगों को उनका हक मिल सके। यही नहीं हमारे बच्चों को कल्चर, ट्रांसपोर्ट सहित अन्य सरकारी सुविधाओं में खास लाभ नहीं मिल

पा रहा है। आनंद ने बताया कि कई योजनाएं दिव्यांग बच्चों के लिए चलाई जा रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि योजनाओं का कोई भी लाभ दिव्यांगों को नहीं मिल पा रहा है, इसको लेकर पंजाब में पहली बार सोशल मीडिया पर सीएम सहित सभी मंत्रियों को ‘मुझे मेरा हक दो’ से हैशटैग के साथ ट्वीट करेंगे। इसके लिए राज्यभर में सभी दिव्यांग और उनके परिजनों को कल 11 बजे से ट्वीट करने के लिए कहा गया है।

अपनी कमजोरी को भूल जिंदगी को संवारने में जुटे ये दिव्यांग

अपनी डांस एकेडमी खोलना चाहता हैं भवनीश... 17 साल के भवनीश को डांस का इतना जुनून है कि उसको जब भी टाइम मिलता है वो डांस की प्रेक्टिस में जुट जाता है। भवनीश 76% तक दिव्यांग हैं। उसके पिता मनीष बताते हैं कि हमने सोच लिया था कि हमें इसे काबिल बना कर दूसरों को भी प्रेरणा देनी है। इसकी रुचि देखकर हमने डांस क्लासिस में ले जाना शुरू किया। डांस के साथ ही भवनीश खुद को सक्षम बनाने के लिए एनजीओ से जुड़ कर वेस्ट मेटिरियल से कैरी बैग, कैंडल और अन्य डेकोरेटिव आइटम बनाना भी सीख रहा है और आगे चल कर अपनी खुद की डांस एकेडमी खोलना चाहता है।

टीचर बन कर दूसरों को शिक्षित करना चाहते हैं पवन... 23 साल के पवन थैलेसिमिया से पीड़ित हैं। उसे हर 15 दिन में ब्लड की जरूरत पड़ती है। लुधियाना के डीएमसी से उसका ट्रीटमेंट चल रहा है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर थैलेसीमिक बच्चे ज्यादा पढ़ नहीं पाते, लेकिन मैंने ठान लिया कि मैं इसे गलत साबित करूंगा। जब मैंने अपने डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के लिए सिविल में अप्लाई कर दिया तो उन्होंने 2 बार रिजेक्ट कर दिया, फिर मैंने कोर्ट के जरिये एप्लीकेशन दी। तब जाकर उन्होंने सार्टिफिकेट दिया। पवन कहते हैं कि वो बीएड की पढ़ाई करने के बाद टीचर बन कर लोगों को शिक्षित करना चाहते हैं। वे सीटेट के एग्जाम की तैयारी भी कर रहे हैं।



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डांस करते भवनीश।

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December 03, 2020 at 04:39AM

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