सेहत विभाग की तरफ से सितंबर और अक्टूबर महीने के दौरान हुई 2 मेटर्नल डेथ के रिव्यू के लिए सिविल सर्जन दफ्तर में मीटिंग बुलाई गई। सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदर कौर चावला ने मीटिंग की अध्यक्षता की। इस दौरान स्टाफ से सिविल सर्जन ने मौतों के होने वाले कारणों की जानकारी ली। वहीं सीएस डॉ. चावला ने अस्पताल के स्टाफ को कहा कि अस्पताल में आने वाली सभी गर्भवतियों का एंटी नेटल चेकअप के साथ सभी मेडिकल चेकअप किए जाएं। उन्होंने जिले और एरिया की सभी एएनएम और आशा वर्करों को निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं के घर पर विजिट को यकीनी बनाएं।
वहीं मीटिंग के दौरान डॉक्टरों को हिदायत देते सिविल सर्जन ने कहा कि सिजेरियन केसों में महिला को पांच से सात दिन तक और नॉर्मल डिलीवरी के केसों में महिला को अस्पताल में तीन दिन तक रखना जरूरी है।
वहीं दोनों केसों में महिला को अस्पताल से दाखिल करने से पहले मरीज के कंप्लीट लैब टेस्ट करवाएं। अगर कोई मरीज हाई रिस्क में है तो उसकी लिस्ट बननी चाहिए जो हर एसएमओ के पास हो। मीटिंग के दौरान जिला परिवार कल्याण अफसर डॉ. रमन गुप्ता, एमडी गायनी विभाग एसएमओ डॉ. कुलविंदर कौर, डॉ. सुरिंदर नांगल और डॉ. वरिंदर कौर थिंद मौजूद रहीं।
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December 03, 2020 at 04:48AM
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